नवनीत राणा को नहीं मिली राहत, सेशंस कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

मुंबई की जेल में बंद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की जमानत याचिका पर शनिवार को सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है.

मुंबई:

मुंबई की जेल में बंद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की जमानत याचिका पर शनिवार को सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है. सोमवार को अदालत अब इस मुद्दे पर फैसला सुनाएगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के ऐलान के बाद बिगड़ी कानून व्यवस्था और राजद्रोह के आरोप में दोनों को गिरफ्तार किया गया था और एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से दोनों जेल में बंद हैं. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सांसद की जमानत याचिका का जमकर विरोध किया गया.  सरकारी वकील ने कहा कि सांसद की तरफ से राज्य सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही थी. उन्होंने कहा कि सांसद का इरादा था कि ऐसे हालात पैदा कर दिए जाएं कि सरकार गिर जाए.

वकील की तरफ से कहा गया कि दोनों ही आरोपियों ने मीडिया इंटरव्यू में कहा था ये सरकार महाराष्ट्र के लिए एक साढ़ेसाती (दुर्भाग्य) है और वे इस साढ़ेसाती को समाप्त करना चाहते थे. इससे ये स्पष्ट रूप से सरकार को हटाने के लिए किया गया कार्य था. इन पति-पत्नी पर कई मामलों में मुकदमें दर्ज है. हमने अपने जवाब में भी इन आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया है. पति रवि राणा पर पहले 17 और पत्नी नवनीत राणा पर 6 केस दर्ज हैं. सरकारी वकील ने कहा कि कहा कि उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले चल रहे हैं. उनमें  हत्या का मामला भी दर्ज है.

वहीं आरोपी पक्ष के वकील आबाद पौंडा ने कहा कि हमारे मुवक्किल का मकसद किसी भी तरह से हिंसा करने का नहीं था. हम तो सिर्फ प्रार्थना करने वाले थे. ना तो रिमांड में ना ही रिप्लाई में कही भी नही उल्लेख है कि वो लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पाठ करेंगे. हम वहां शांति से पाठ करने वाले थे. हमने समर्थको को भी नही बुलाया था मतलब कोई भीड़ भी नही बुलाई थी. हमारा कोई मकसद हिंसा का नही था. हम तो सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ने वाले थे. हम किसी मस्जिद के सामने नही जा रहे थे. मुख्यमंत्री के निजी निवास के सामने जो खुद हिंदू हैं और हिंदुत्व के नेता हैं. ये राजद्रोह कैसे बनता है? इससे सरकार खतरे में कैसे आ सकती है?

यह सच है कि कानून व्यवस्था बिगड़ गई है लेकिन  कार्यकर्ता की तरफ से. लंदन ब्रिज पर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है जबकि मातोश्री पर हनुमान चालीसा का पाठ अपराध बन जाता है. सीआरपीसी की धारा 149 के नोटिस का पालन न करने पर देश देशद्रोह की धारा कैसे लागू कर सकता है? जबकि  उसी दिन दोपहर 3.40 बजे राणा दंपत्ति ने मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पाठ का कार्यक्रम रद्द करने की घोषणा कर दी थी.

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