
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है. यहां लिफ्ट में अचानक बिजली गुल होने से 8 साल का बच्चा लिफ्ट में फंस गया. वहीं, हरियाणा सचिवालय में एक अलग घटना घटी, जहां वीआईपी लिफ्ट में मंत्री गौरव गौतम करीब 5 मिनट तक फंसे रहे. इस तरह की लिफ्ट में फंसे रहने की घटनाएं चिंताजन क हैं और गंभीरता से लेने की जरूरत है.
Chandigarh: A VIP lift at the Haryana Secretariat malfunctioned, briefly trapping Haryana Minister Gaurav Gautam for around five minutes pic.twitter.com/8cms22Kxhq
— IANS (@ians_india) May 28, 2025
हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में एक अजीब घटना घटी, जहां खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम और अन्य लोग लिफ्ट में फंस गए. शाम 5 बजे लिफ्ट बंद हो गई और करीब 5 मिनट बाद फिर से शुरू हुई. इस दौरान मंत्री जी के साथ अन्य लोग भी लिफ्ट में फंसे रहे. गनीमत रही कि लिफ्ट जल्द ही शुरू हो गई और सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल आए.

भोपाल के एक कॉलोनी की लिफ्ट में सोमवार रात को अचानक बिजली गुल होने से 8 साल का बच्चा लिफ्ट में फंस गया और जेनरेटर की बैकअप बिजली नहीं चालू हो पाने की वजह से तीन मिनट तक ये बच्चा लिफ्ट में ही फंसा रहा. इसी तीन मिनट के दौरान उसके पिता ऋषिराज भटनागर घबराकर जेनरेटर रूम की तरफ भागे. लेकिन वहां से लौटने के क्रम में उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वो फर्श पर गिर गए. पल भर में वो बेसुध हो गए. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. निरुपम रॉयल पाम विला सोसाइटी में इस बीच बिजली भी आ गई और ऋषिराज का बच्चा भी लिफ्ट से सही-सलामत बाहर आ गया. लेकिन इस दर्दनाक घटना में ऋषिराज को ऐसा सदमा लगा कि उनकी जान ही चली गई.

भोपाल में जिस तरह से लिफ्ट के संचालन की लापरवाही ने एक जिन्दगी असमय काल के गाल में समा गई. इससे भी बड़ी दुर्घटना देश की राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में होते-होते रह गई. कुछ मरीज और कुछ मरीजों के परिजन एक साथ अस्पताल के लिफ्ट में देर तक फंसे रहे और उन्हें निकालने के इंतजाम फेल होते दिखे. दोनों तस्वीरें लिफ्ट की हॉरर की तस्वीर बयां कर रही हैं.

ग्रेटर नोएडा में सोमवार को ही एक अस्पताल का लिफ्ट ऐसे हाल में पहुंच गया कि उसमें 30 मिनट तक 16 लोगों की जान अटकी रही और लिफ्ट हवा में लटकी रही. खबर है कि लिफ्ट में क्षमता से अधिक लोग सवार थे और उसमें ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस सिस्टम फेल हो गया. इसके चलते दो फ्लोर के बीच ये लिफ्ट अटक गई और आधे घंटे के बाद लोग मुश्किल से निकाले जा सके. जिन लोगों की सांस लिफ्ट में अटक गई थी. उसमें कुछ बुजुर्ग मरीज, महिलाएं और उनके परिजन शामिल थे. राहत की बात ये रही कि ये लोग किसी तरह से बाहर निकाल लिए गए. वर्ना कितना बड़ा हादसा होता. इसकी कल्पना की जा सकती है.

लिफ्ट हादसा : अब तक कितनी मौतें
- लखनऊ: लिफ्ट में फंसकर किशोर की मौत
- हैदराबाद: लिफ्ट में फंसने से 1 साल के मासूम की मौत
- मेरठ: अस्पताल में लिफ्ट गिरने से महिला की मौत
- गुरुग्राम: बेसमेंट में गिरा होटल का लिफ्ट, 5 घायल
- तमिलनाडु: अस्पातल में आग, लिफ्ट में दम घुटने से 6 मौत
- ग्रेटर नोएडा: फ्यूजन होम्स के लिफ्ट में फंसी बच्ची
- पंचकूला: लिफ्ट में फंसे शॉपिंग करने आए लोग
- ग्रेटर नोएडा: ला रेजिडेंशिया सोसायटी में 7 दिन बंद रही लिफ्ट
लिफ्ट हादसों के बाद यूपी सरकार ने लागू किए ये नियम
- हादसा होने पर बिल्डिंग स्वामी को देनी होगी जानकारी
- 24 घंटे में डीएम, प्राधिकरण, कोतवाली को बताना होगा
- स्थानीय विकास निकायों, प्राधिकरणों कानून लागू करेंगे
- लिफ्ट लगाने वाली कंपनी का रजिस्ट्रेशन ज़रूरी
- लिफ्टों में ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस ज़रूरी
- सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य
- एनुअल मेंटनेंस कॉन्ट्रैक्ट करना ज़रूरी
- बिल्डर, AOA को लिफ़्ट की नियमित जांच करानी होगी
- जांच की जानकारी प्राधिकरण को देनी होगी
- नियमित आपातकालीन ड्रिल ज़रूरी
- आपातकालीन स्थिति के मद्देनज़र साल में दो मॉक ड्रिल
- लिफ्ट, एस्केलेटर बदलने पर नया रजिस्ट्रेशन
- रजिस्ट्रेशन शुल्क न्यूनतम पांच हज़ार रुपये
- लिफ्ट में ऑपरेटर की तैनाती भी ज़रूरी
- मरम्मत के बाद AMC टीम से प्रमाण पत्र लेना होगा
- सभी लिफ्टों का बीमा होना अनिवार्य है
- दुर्घटना होने पर यात्रियों को सुरक्षा कवर और मुआवजा मिले
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