
कावड़ मेला 2025 सकुशल संपन्न हो गया हो. लेकिन हरिद्वार नगर निगम के लिए असली चुनौती तो कावड़ मेले के बाद सामने आती है. दरअसल कांवड मेला खत्म होने के बाद हरिद्वार में गंगा घाटों से लेकर हाइवे तक गंदगी ही गंदगी नजर आ रही हैं. 4.5 करोड़ से अधिक की संख्या में पहुंचे शिव भक्त कांवड़िए कई हजार मैट्रिक टन कूड़ा छोड़ गए हैं. जिसके बाद नगर निगम के लिए शहर को साफ करना बड़ी चुनौती बनी हुई है. नगर निगम की कई टीमें दिन-रात अभियान के तहत गंगा घाटों और रास्तों को साफ करने में लगी हुई है.

10 जुलाई से 23 जुलाई को हरिद्वार में कांवड मेला समाप्त होने के बाद अब गंदगी का अंबार लग गया है. प्रशासन के मुताबिक कांवड मेले में साढ़े चार करोड़ से ज्यादा शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे थे. हरकी पौड़ी सहित अन्य घाट और हाईवे पर गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है. नगर निगम द्वारा सफाई अभियान के लिए निगम के कर्मचारियों के साथ एक हजार अधिक कर्मचारीयो को लगाया गया है, जो कांवड मेले के दौरान भी और मेला समाप्त होने के बाद दिन रात कूड़ा उठाने का काम कर रहे है.

सफाई का काम निरंतर चलता रहा
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि कांवड़ यात्रा में रोजाना लाखों की संख्या में पैदल और वाहनों से कांवड़िए हरिद्वार पहुंच रहे थे और ऐसे में सफाईकर्मियों के लिए क्षेत्र में कूड़ा वाहन लेकर जाना संभव नहीं हो पा रहा था . उन्होंने कहा कि इसलिए ऐसे क्षेत्रों में नियमित सफाई नहीं हो पा रही थी लेकिन जिन क्षेत्रों में सफाईकर्मी जा पा रहे थे, वहां सफाई का काम निरंतर चलता रहा.

हरिद्वार नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त नन्दन कुमार ने बताया, “ हरिद्वार में लगातार 15 दिन तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की वजह से सफाई व्यवस्था एक बड़ी चुनौती थी. उन्होंने बताया कि अभी तक निगम क्षेत्र में करीब 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र होने का अनुमान है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं