सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया गया है.
नई दिल्ली:
आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है. सुरक्षा के जानकार कहते हैं कि इसका जम्मू-कश्मीर में आतंकी हरकतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन पाकिस्तान पर दबाव जरूर बढ़ेगा.
उधर पाकिस्तान ने सलाहुद्दीन का नाम लिए बगैर कहा है कि कश्मीरियों के हक के लिए लड़ने वालों को आतंकी नहीं कहा जा सकता है. वैसे सलाहुद्दीन जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों आतंकी वारदातों का मुजरिम है. बरसों से आतंक का खेल खेल रहे इस शख़्स ने हिज़्बुल मुजाहिदीन को खड़ा किया. लेकिन अब इतने बरस बाद अमेरिका ने ठीक प्रधानमंत्री और ट्रंप की मुलाकात से पहले सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर अपना संदेश दे दिया है. इससे खास फायदा तो नहीं होगा लेकिन यह सांकेतिक कहीं ज्यादा है.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि ये बहुत अच्छी बात है. इससे उसके मूवमेंट और फंडिंग पर रोक लगेगी. वैसे वह डरपोक आदमी है जो भागा फिरता है. हालांकि जानकारों का कहना है कि सलाहुद्दीन को आतंकी घोषित किए जाने से जम्मू-कश्मीर में बहुत फ़र्क नहीं आएगा. इसकी वजह यह है कि अमूनन कश्मीर में कार्रवाई करते वक्त आतंकी सलाहुद्दीन से सीधे आदेश नहीं लेते हैं बल्कि अपने जिला कमांडर से आदेश लेकर कार्रवाई को अंजाम देते हैं.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि इससे पाकिस्तान पर दवाब बढ़ेगा. वो झुकेगा और दुनिया के सामने बेनकाब होगा कि अभी भी आतंक के कारखाने चला रहा है.
उधर पाकिस्तान सलाहुद्दीन के बचाव में उतर आया है. पाक विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि कश्मीरियों के हक में लड़ने वालों को आतंकी नहीं कहा जा सकता. सलाहुद्दीन के पहले हाफिज सईद और ज़किउर्रहमान लखवी भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों में हैं. इसलिए सलाहुद्दीन के भी ऐसी लिस्ट में आ जाने से जमीनी हालात भले न बदलें, मगर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा और शायद सलाहुद्दीन की आवाजाही और पैसे जुटाने पर असर पड़ेगा.
उधर पाकिस्तान ने सलाहुद्दीन का नाम लिए बगैर कहा है कि कश्मीरियों के हक के लिए लड़ने वालों को आतंकी नहीं कहा जा सकता है. वैसे सलाहुद्दीन जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों आतंकी वारदातों का मुजरिम है. बरसों से आतंक का खेल खेल रहे इस शख़्स ने हिज़्बुल मुजाहिदीन को खड़ा किया. लेकिन अब इतने बरस बाद अमेरिका ने ठीक प्रधानमंत्री और ट्रंप की मुलाकात से पहले सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर अपना संदेश दे दिया है. इससे खास फायदा तो नहीं होगा लेकिन यह सांकेतिक कहीं ज्यादा है.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि ये बहुत अच्छी बात है. इससे उसके मूवमेंट और फंडिंग पर रोक लगेगी. वैसे वह डरपोक आदमी है जो भागा फिरता है. हालांकि जानकारों का कहना है कि सलाहुद्दीन को आतंकी घोषित किए जाने से जम्मू-कश्मीर में बहुत फ़र्क नहीं आएगा. इसकी वजह यह है कि अमूनन कश्मीर में कार्रवाई करते वक्त आतंकी सलाहुद्दीन से सीधे आदेश नहीं लेते हैं बल्कि अपने जिला कमांडर से आदेश लेकर कार्रवाई को अंजाम देते हैं.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि इससे पाकिस्तान पर दवाब बढ़ेगा. वो झुकेगा और दुनिया के सामने बेनकाब होगा कि अभी भी आतंक के कारखाने चला रहा है.
उधर पाकिस्तान सलाहुद्दीन के बचाव में उतर आया है. पाक विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि कश्मीरियों के हक में लड़ने वालों को आतंकी नहीं कहा जा सकता. सलाहुद्दीन के पहले हाफिज सईद और ज़किउर्रहमान लखवी भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों में हैं. इसलिए सलाहुद्दीन के भी ऐसी लिस्ट में आ जाने से जमीनी हालात भले न बदलें, मगर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा और शायद सलाहुद्दीन की आवाजाही और पैसे जुटाने पर असर पड़ेगा.
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