Gurugram 'namaz' row: गुरुग्राम नमाज़ मामले में हरियाणा के अफसरों पर अवमानना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जल्द सुनवाई को तैयार है. प्रधान न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने कहा कि वो उचित बेंच के सामने केस को लिस्ट करेंगे. पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने ये याचिका दाखिल की है. इससे पहले, वकील इंदिरा जयसिंह ने जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि सांप्रदायिक घटनाओं पर लगाम लगाने में निष्क्रियता के लिए हरियाणा के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई है. यह अखबार की खबरों पर आधारित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निवारक उपाय निर्धारित किए गए हैं. हमने कई शिकायत भी कीं.हम कोई FIR दर्ज करने को नहीं कह रहे हैं.
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पूर्व राज्यसभा सदस्य ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में हरियाणा के अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हरियाणा सरकार के अफसर सांप्रदायिक और हिंसक प्रवृत्तियों को रोकने के लिए किए जाने वाले उपाय करने में असफल रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप हेट क्राइम होता है.याचिका में हरियाणा राज्य के मुख्य सचिव संजीव कौशल IAS और पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल IPS के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
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इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में तहसीन पूनावाला के केस में भीड़ द्वारा हिंसा और लिंचिंग सहित हेट क्राइम को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की थी लेकिन हाल के कुछ महीनों में,कुछ तत्वों के इशारे पर मुसलमानों द्वारा जुमे की नमाज़ के दौरान लोगों के इकट्ठा होने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है. ये लोग मुस्लिमों को धर्म के नाम पर गलत तरीके से पेश करते हैं और शहर भर में एक समुदाय के खिलाफ नफरत और पूर्वाग्रह का माहौल बनाना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका में कहा गया है कि गुरुग्राम में नमाज के वक्त कुछ शरारती तत्वों के द्वारा नमाज में बाधा डाली जा रही है. भड़काऊ भाषण दिया जाता है जिसकी शिकायत कई बार पुलिस प्रशासन से की गई लेकिन पुलिस द्वारा उचित कदम नहीं उठाया गया.
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