महिला ऑपरेटर यार्ड क्रेन के संचालन का प्रबंधन कर रही हैं.
भारत में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर पेशे में आगे बढ़ रही हैं. साथ ही अपने बेहतरीन काम से हर किसी को प्रभावित कर रही हैं. अब तक क्रेनों के संचालन और इससे जुड़े कामों में पुरुषों का वर्चस्व हुआ करता था और महिलाओं की भागीदारी बहुत ही कम देखने को मिलती थी. हालांकि अब इस क्षेत्र में भी महिलाएं लगातार सामने आ रही हैं और अपने काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं. महिला सशक्तीकरण का ऐसा ही उदाहरण अदाणी विजिंगम पोर्ट पर महिला ऑपरेटरों ने पेश किया है.
अदाणी विझिंजम पोर्ट पर नौ महिला ऑपरेटर यार्ड क्रेन के संचालन का प्रबंधन कर रही हैं. यहां पर कुल 20 क्रेन ऑपरेटर काम कर रहे हैं. भारत में यह पहली बार है कि महिलाएं स्वचालित सीआरएमजी क्रेन का नियंत्रण संभाल रही हैं.
महिला ऑपरेटर कर रहीं शानदार काम
सीआरएमजी क्रेनों का उपयोग भारी भरकम सामानों को उठाने के लिए किया जाता है. खासतौर पर इसका उपयोग कंटेनरों को उठाने और एक जगह से दूसरी जगह पर रखने के लिए किया जाता है. इस तरह के काम में बेहद सटीकता की जरूरत होती है, जिसे महिला ऑपरेटर बखूबी अंजाम दे रही हैं.
महिला राजदूतों के प्रतिनिधिमंडल का किया स्वागत
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 से पहले एक विशेष कार्यक्रम में अदाणी ग्रुप ने गुजरात के खावड़ा और मुंद्रा में समूह की परियोजनाओं में नौ देशों की महिला राजदूतों के एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया, जहां उन्होंने भारत की क्लीन एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट की प्रगति को करीब से देखा.
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