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This Article is From Sep 21, 2020

'अवैध प्रवासियों' के आंकड़े मांगने पर राज्यसभा में बोली सरकार- प्रोसेस चल रहा है

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में अवैध प्रवासियों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सोमवार को कहा कि अवैध प्रवासी भारत में 'बहुत गुप्त तरीके से छुप-छुपाकर' आते हैं, ऐसे में उनका पता लगाना, हिरासत में लेना और फिर उन्हें वापस भेजने की 'प्रक्रिया चल रही है.'

'अवैध प्रवासियों' के आंकड़े मांगने पर राज्यसभा में बोली सरकार- प्रोसेस चल रहा है
अवैध प्रवासियों को लेकर राज्यसभा में पूछा गया था सवाल. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
राज्यसभा में अवैध प्रवासियों पर मांगा गया डेटा
सरकार ने कहा- प्रोसेस चल रहा है
NRC की फाइनल लिस्ट भी धूल खा रही
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने राज्यसभा (Rajyasabha) में अवैध प्रवासियों (Illegal Immigrants) को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सोमवार को कहा कि अवैध प्रवासी भारत में 'बहुत गुप्त तरीके से छुप-छुपाकर' आते हैं, ऐसे में उनका पता लगाना, हिरासत में लेना और फिर उन्हें वापस भेजने की 'प्रक्रिया चल रही है.' सरकार से पूछा गया था कि क्या सरकार के पास देश में अवैध प्रवासियों का कोई रिकॉर्ड है?

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 'अवैध प्रवासी बहुत ही गुप्त तरीके से बिना किसी वैध दस्तावेज के देश में घुसते हैं. ऐसे विदेशी नागरिकों का पता लगाने, उन्हें हिरासत में लेने और फिर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है.'

बता दें कि सालों की कार्रवाई के बाद बांग्लादेश से पिछले दशकों में अवैध रूप से भारत आए प्रवासियों की पहचान करने के लिए बनाए जा रहे National Register of Citizens (NRC) की फाइनल लिस्ट पिछले साल सामने आई थी. इनमें लगभग 19 लाख लोगों का नाम लिस्ट से बाहर रह गए थे. केंद्र का कहना है कि जिन लोगों के नाम लिस्ट में नहीं आए हैं, उनके पास हर कानूनी रास्ता चुनने का विकल्प है और तब तक उन्हें अवैध घोषित नहीं किया जाएगा.

तेलंगाना के सांसद डॉक्टर बांदा प्रकाश ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से यह साफ करने को कहा था कि सरकार बताए कि उसके पास अवैध प्रवासियों के आंकड़े हैं या नहीं और अगर हैं तो इसकी जानकारी दे. हालांकि, मंत्रालय की ओर से कुछ विशेष सवालों के जवाब नहीं दिए गए और एक साधारण सा जवाब दिया गया कि केंद्र के पास कानून की धाराओं के तहत ऐसी शक्तियां मिली हुई हैं, जिनके आधार पर वो 'देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को हिरासत में लेकर वापस भेज सकता है.'

हालांकि, एनआरसी की आखिरी लिस्ट फिलहाल पड़ी हुई धूल खा रही है क्योंकि असम की सरकार ने इसमें गड़बड़ियां बताते हुए मान्यता देने से इनकार कर दिया है. असम के लिए इस लिस्ट के बड़े मायने हैं क्योंकि राज्य ने बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों की पहचान करने और फिर उन्हें वापस भेजने को लेकर 1979 से लेकर 1985 तक छह साल लंबा अभियान देखा है. यहां पर अगले साल अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं.

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