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This Article is From Aug 19, 2023

सरकार ने प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका के मद्देनजर इस पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के जरिए 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लागू कर दिया है.

सरकार ने प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका के मद्देनजर इस पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका के चलते इस पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति में सुधार के लिए शनिवार को प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगा दिया. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के जरिए 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है.

निर्यात शुल्क उन रिपोर्टों के बीच लगाया गया है जिनमें सितंबर में प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई गई है. प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू होगा.

सरकार प्याज का बफर स्टॉक जारी करेगी

पिछले सप्ताह सरकार ने कीमतों पर अंकुश के लिए बफर स्टॉक से प्याज जारी करने की घोषणा की थी. सरकार ने कहा था कि यह कदम अक्टूबर से नई फसल की आवक शुरू होने से पहले कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से उठाया जा रहा है. सरकार के सूत्रों के अनुसार, बफर स्टॉक से प्याज जारी करने के लिए कई विकल्प तलाशे जा रहे हैं. इनमें ई-नीलामी, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के माध्यम से उनकी उपभोक्ता सहकारी समितियों तथा खुदरा दुकानों से रियायती दरों पर बिक्री शामिल है.

सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) के तहत तीन लाख टन प्याज रखा है. कम आपूर्ति वाले सीजन के दौरान दाम बढ़ने पर सरकार इस प्याज को जारी करती है.

बढ़ रही हैं प्याज की कीमतें

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की कीमतें भी अब थोड़ी बढ़ रही हैं. दस अगस्त को प्याज की अखिल भारतीय खुदरा कीमत 27.90 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में दो रुपये अधिक है.

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने पिछले सप्ताह समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि, ‘‘हम तत्काल प्रभाव से बफर स्टॉक से प्याज देंगे.'' उन्होंने कहा था कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) के अधिकारियों के साथ 10 अगस्त को हुई चर्चा के बाद प्याज के निपटान के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया गया.

मंत्रालय का कहना है कि, बफर स्टॉक के प्याज ने उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर प्याज उपलब्ध कराने और मूल्य स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अप्रैल-जून के दौरान रबी प्याज का देश के कुल उत्पादन में 65 प्रतिशत हिस्सा है. यह अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई होने तक उपभोक्ताओं की मांग पूरी करता है.

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