केरल के कन्नूर जिले के उत्तरी हिस्से पनूर के पास एक दिन पहले हुए विस्फोट के सिलसिले में शनिवार को चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी, तीन घायल व्यक्ति और मृतक, सभी व्यक्ति मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ता अथवा समर्थक थे. वामपंथी दल ने पुलिस के इस दावे को खारिज कर दिया है.
पुलिस ने बताया कि सयूज को कथित तौर पर पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के कोयंबटूर भागने की कोशिश करते समय पालक्कड से पकड़ा गया था. इसमें कहा गया है कि विस्फोट में घायल हुए तीन अन्य - विनीश, विनोद और अश्वनाथ का भी इलाज चल रहा है.
उन्होंने कहा कि पार्टी को चुनाव के दौरान हथियार बनाने की कोई जरूरत नहीं है और माकपा के खिलाफ इस तरह के आरोप दुष्प्रचार हैं.
विस्फोट की घटना के विरोध में कांग्रेस विधायक शफी परमबिल और आरएसपी विधायक के के रेमा ने मिलकर वटकारा में दिन में शांति मार्च निकाला. दोनों ने आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के निर्देश पर बम बनाया. परमबिल वटकारा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
इस घटना को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया और कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका दोष माकपा पर मढ़ा. माकपा ने हालांकि इस घटना में संलिप्तता से इनकार किया है.
विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि धमाका तब हुआ जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ समर्थक देसी बम बना रहे थे. भाजपा ने वाम दल पर बम के जरिए दहशत फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
इस बीच, सत्तारूढ़ माकपा ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि घटना में शामिल दो व्यक्तियों पर वाम दल के कार्यकर्ताओं पर हमला करने का भी आरोप था, और इसलिए उन्हें अब राजनीतिक संगठन का हिस्सा नहीं माना जाता है.
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