जम्मू सेक्टर में 264 किमी लंबी इंटरनेशनल बॉर्डर पर सर्दियों के आगमन के साथ ही BSF ने निगरानी और सख्त कर दी है. घने कोहरे के बीच पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को धकेलने की संभावित कोशिशों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं. अगस्त में आई अचानक बाढ़ से सीमांत क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुई फेंसिंग और बीओपी (बॉर्डर आउट पोस्ट) का अधिकतर हिस्से में पुनर्निर्माण पूरा कर लिया गया है. BSF का कहना है कि मरम्मत कार्य समाप्त होने के बाद अब फोकस संभावित घुसपैठ को रोकने और कोहरे की आड़ में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते पहचानने पर है.

सूत्रों के अनुसार, जम्मू क्षेत्र का अंतरराष्ट्रीय सीमा इलाका मैदानी होने के कारण दिसंबर–जनवरी के दौरान घने कोहरे से ढका रहता है, जिससे दृश्यता बेहद कम हो जाती है. ऐसे मौसम में घुसपैठ की आशंका सबसे अधिक रहती है. इसे ध्यान में रखते हुए BSF ने उन्नत इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरण तैनात किए हैं, जो कम विजिबिलिटी में भी लंबी दूरी तक मूवमेंट को ट्रैक करने में सक्षम हैं.
सीमा सुरक्षा बल की मुख्य निगरानी रेखा से आगे पुलिस की बॉर्डर पिकेट्स सक्रिय हैं, जहां से पुलिस और विलेज डिफेंस गार्ड्स (VDG) चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं. पुलिस इन पिकेट्स को लगातार मजबूत करने के साथ सीमा से लगे गांवों में रहने वाले लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दे रही है. गांववासियों से कहा गया है कि वे खासकर रात के समय किसी भी संदिग्ध हरकत या आवाज पर तुरंत पुलिस को सूचित करें.

सूत्र बताते हैं कि हाल के महीनों में जम्मू सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा अपेक्षाकृत शांत है, हालांकि पंजाब की ओर गतिविधियां बढ़ी हैं. इसके बावजूद, इंटेलिजेंस एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन अपने प्रशिक्षित कैडर को इसी क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कराने की कोशिश कर सकते हैं. सुरक्षा एजेंसियां ऐसे किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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