विज्ञापन

इकलौते बेटे की आत्महत्या के बाद परिजनों ने किया नेत्रदान, मौत के बाद भी उसकी आंखें देखेंगी दुनिया

छत्तीसगढ के धमतरी में एक परिवार ने समाज के लिए मिसाल पेश करते हुए अपने इकलौते बेटे की मौत के बाद उसकी आंखें दान कर दीं. परिवार के इस फैसले की हर तरफ तारीफ हो रही है.

इकलौते बेटे की आत्महत्या के बाद परिजनों ने किया नेत्रदान, मौत के बाद भी उसकी आंखें देखेंगी दुनिया
धमतरी:

छत्तीसगढ के धमतरी जिले के रिसाई पारा में निवासी एक युवक ने आत्महत्या कर ली. इसके बाद उसके परिजनों ने एक सराहनीय फैसला लेते हुए, अपने जिगर के टुकड़े की आंखें दान करने का फैसला किया.वो चाहते थे कि उनके बेटे की मौत के बाद भी कोई व्यक्ति उसकी आंखों से दुनिया देख पाए, उनका बेटा मरने के बाद किसी का सहारा लेगा.इस परिवार की इच्छा पर धमतरी के जिला अस्पताल में नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई. परिवार के इस फैसले की हर तरफ सराहना हो रही है.

धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टर ने क्या बताया

धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टर तेजस शाह ने बताया कि रिसाई पारा निवासी विजय वाधवानी के 28 साल के बेटे सोयम वाधवानी को जिला अस्पताल लाया गया था. जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.परिजनों ने बताया कि प्लास्टिक की रस्सी से उसने आत्महत्या कर ली है.डॉक्टकर शाह ने बताया कि उन्होंने शव को मोर्चरी में भिजवा दिया था. उन्होंने बताया कि सोयम वाधवानी के परिजनों ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए अपने इकलौते बेटे का नेत्रदान करने का फैसला किया.उन्होंने बताया कि परिजनों की इच्छा के मुताबितक उनके इस फैसले के बाद जिला अस्पताल में नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई. 

वहीं सोयम के एक परिजन अशोक वाधवानी ने बताया कि नेत्रदान बड़ा दान होता है. इससे शरीर छोड़ने के बाद उनकी आंखें दुनिया को देख सकता है और किसी का सहारा बन सकती हैं. उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में भी नेत्रदान का फैसला लेने के लिए वो इस परिवार को धन्यवाद देते हैं. वहीं इस फैसले से शहर के सिंधी समाज के साथ-साथ दूसरे लोगों ने भी इस परिवार की सरहाना की है, जिसने अपने सबसे कठिन समय में भी यह सराहनीय फैसला लिया. लोगों का कहना है कि इस परिवार ने समाज के लिए एक मिसाल पेश की है. 

ये भी पढ़ें: मगध में दांव पर कई महारथियों की प्रतिष्ठा, वोट पर्सेंट बढ़ने से किसे फायदा-किसे नुकसान?

हेल्पलाइन
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्‍थ 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com
TISS iCall 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com