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17 साल से बिना लेबर वेलफेयर परमिट काम कर रही EY इंडिया, वर्कलोड से कर्मचारी की मौत के बाद कई खुलासे

एना सेबेस्टियन की 20 जुलाई को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी. उसकी मां के मुताबिक, वह Ernst & Young के ऑफिस में वर्कलोड से परेशान थी. मौत से कुछ दिन पहले जब माता-पिता उससे मिलने पुणे आए, तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की. डॉक्‍टर को दिखाने पर पता चला था कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना को बहुत स्ट्रेस था.

17 साल से बिना लेबर वेलफेयर परमिट काम कर रही EY इंडिया, वर्कलोड से कर्मचारी की मौत के बाद कई खुलासे
प्रतीकात्मक फोटो.
पुणे:

पुणे में यूके की कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (Ernst & Young) में काम करने वाली 26 साल की लड़की की वर्कलोड से मौत के बाद काम के घंटों को लेकर नई बहस छिड़ गई है. ऑफिस के टॉक्सिक मौहाल की इस खबर के बाद कॉर्पोरेट प्रैक्टिसिस पर जरूरी बदलाव किए जाने की मांग भी हो रही है. इस बीच EY को लेकर नई जानकारी सामने आई है. न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, EY साल 2007 से स्टेट अथॉरिटी के परमिट के बगैर चल रही थी. ये अथॉरिटी वर्कप्लेस में काम के घंटों को कंट्रोल करती है.

महाराष्ट्र के एडिशनल लेबर कमिश्नर शैलेन्द्र पोल ने कहा, "जांच में पता चला है कि कंपनी राज्य के दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत जरूरी रजिस्ट्रेशन के बिना काम कर रही थी." शैलेंद्र पोल ने कहा कि वो CA एना की मौत के मामले में एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे लेबर कमिशन को सौंपा जाएगा. इसके बाद उसे केंद्र में भेजा जाएगा, ताकि आगे की जांच हो सके.

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श्रम अधिकारियों ने 7 दिन में मांगा जवाब
इस बीच महाराष्ट्र के श्रम अधिकारियों ने 26 साल की CA एना सेबेस्टियन की मौत के मामले की जांच के लिए EY के पुणे ऑफिस में अधिकारियों से सवाल किए हैं. श्रम अधिकारियों ने EY को सवालों का जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है. 

20 जुलाई को 26 साल की लड़की की हुई थी मौत
रिपोर्ट के मुताबिक, एना सेबेस्टियन की 20 जुलाई को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी. उसकी मां के मुताबिक, वह ऑफिस में वर्कलोड से परेशान थी. मौत से कुछ दिन पहले जब माता-पिता उससे मिलने पुणे आए, तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की. डॉक्‍टर को दिखाने पर पता चला था कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना को बहुत स्ट्रेस था.

एना की मां ने EY के चेयरमैन को लिखा था लेटर
एना की मां अनीता ऑगस्टिन ने चेयरमैन राजीव मेमानी को लेटर लिखकर अपनी कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्‍चर में सुधार करने को कहा था. ऑग्स्टीन ने बताया कि वह और उनके पति 6 जुलाई को ऐना के CA कॉन्वोकेशन में शामिल होने के लिए पुणे गए थे. तब उनकी बेटी ने सीने में जकड़न की शिकायत की थी. ऑग्स्टीन कहती हैं, "हम हमारी बच्ची के हॉस्पिटल लेकर गए. उसका ECG हुआ. रिपोर्ट नॉर्मल थी. हमने हार्ट स्पेशलिस्ट से भी सलाह ली. डॉक्टर ने कुछ दवाइयां दी. कुछ ठीक होने के बाद ऐना काम पर जाने की जिद करने लगी. उसे बताया था कि अगर वो ज्यादा छुट्टी करेगी, तो काम का लोड बढ़ जाएगा. समय पर टारगेट पूरे नहीं हो पाएंगे. धीरे-धीरे उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी. एक दिन उसकी मौत हो गई."

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ऑग्सटीन लिखती हैं, "काश मैं अपनी बच्ची को बचा सकती. काश मैं उसकी मदद कर पाती. काश मैं उसे बता पाती कि उसकी हेल्थ और उसकी खुशी दुनिया में बाकी सब चीजों से ज्यादा मायने रखती है. लेकिन ये सब कहने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है.

EY के चेयरमैन ने दिया ये जवाब
इसका जवाब देते हुए राजीव मेमानी ने एक मीडिया हाउस को दिए बयान में कहा कि एना की मौत का वर्क प्रेशर से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि कंपनी में सभी पर उतना ही वर्क प्रेशर होता है.

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