टारगेट, मीटिंग, प्रेजेंटेशन, डेडलाइन, लंबी ड्यूटी और हर हफ्ते बदलने वाली शिफ्ट... कॉर्पोरेट इंडस्ट्री का वर्क कल्चर आजकल कुछ ऐसा ही होता है. कई बार इससे प्रोडक्टिविटी आती है. लेकिन, अक्सर ऐसे वर्क कल्चर का असर स्टाफ की हेल्थ पर दिखने लगता है. यही वजह है कि प्राइवेट सेक्टर और कॉर्पोरेट कल्चर में काम करने वाले आजकल के युवा कई तरह की मानसिक बीमारियों, डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. यूके की प्रोफेशनल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (Ernst & Young India) यानी EY में काम करने वाली एक लड़की के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. खराब वर्क कल्चर और वर्क लोड में आकर लड़की की मौत हो गई. अब उसकी मां ने कंपनी के नाम लेटर लिखा है.
लड़की की मां अनिता ऑग्सटीन ने Ernst & Young India के चेयरमैन राजीव मेमानी को एक लेटर लिखा है. इसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी 26 साल की बेटी को ऑफिस में इतना काम करवाया जाता था कि इससे उसकी हेल्थ खराब हो गई. कंपनी ज्वॉइन करने के 4 महीने के अंदर उसकी मौत हो गई. यहां तक कि बेटी के अंतिम संस्कार में उसके ऑफिस से किसी ने शामिल होना तक जरूरी नहीं समझा.
लड़की की मां के लेटर पर EY ने भी बयान जारी किया है. EY ने लड़की की मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा हम परिवार की प्रतिक्रिया को गंभीरता से ले रहे हैं.
अनिता ऑग्सटीन ने अपने लेटर में लिखा, "मेरी बेटी ऐना प्रसाद ने पिछले साल नवंबर में चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) का एग्जाम पास किया था. इस साल 19 मार्च को उसने पुणे में EY ज्वॉइन किया था."
अनिता ऑग्सटीन लिखती हैं, "मेरी बेटी ऐना एक फाइटर थी. वो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. कॉलेज में उसने टॉप किया था. पढ़ाई के अलावा वो एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी में भी अच्छी थी. उसने डिस्टिंगशन के साथ CA का एग्जाम पास किया था."
ऑग्सटीन के मुताबिक, जब ऐना EY पुणे में शामिल हुई, तो उसे बताया गया कि उसकी टीम में पहले कई स्टाफ वर्क लोड की वजह से रिजाइन कर चुके हैं. मैनेजर ने उसे मन लगाकर काम करने और वर्क लोड की सोच को बदलने के लिए कहा था.
ऑग्स्टीन ने बताया कि वह और उनके पति 6 जुलाई को ऐना के CA कॉन्वोकेशन में शामिल होने के लिए पुणे गए थे. तब उनकी बेटी ने सीने में जकड़न की शिकायत की थी. ऑग्स्टीन कहती हैं, "हम हमारी बच्ची के हॉस्पिटल लेकर गए. उसका ECG हुआ. रिपोर्ट नॉर्मल थी. हमने हार्ट स्पेशलिस्ट से भी सलाह ली. डॉक्टर ने कुछ दवाइयां दी. कुछ ठीक होने के बाद ऐना काम पर जाने की जिद करने लगी. उसे बताया था कि अगर वो ज्यादा छुट्टी करेगी, तो काम का लोड बढ़ जाएगा. समय पर टारगेट पूरे नहीं हो पाएंगे. धीरे-धीरे उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी. एक दिन उसकी मौत हो गई."
ऑग्सटीन लिखती हैं, "काश मैं अपनी बच्ची को बचा सकती. काश मैं उसकी मदद कर पाती. काश मैं उसे बता पाती कि उसकी हेल्थ और उसकी खुशी दुनिया में बाकी सब चीजों से ज्यादा मायने रखती है. लेकिन ये सब कहने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं