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This Article is From Dec 22, 2022

ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट पर नहीं हो रहा एंटीबॉडी का असर, जानें BF.7 से जुड़े अहम सवालों के जवाब

BF.7 वेरिएंट का पहला केस चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में मिला था. अब तक ये वायरस भारत, अमेरिका, यूके, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क समेत कई यूरोपीय देशों में फैल चुका है.आइए जानते हैं कि क्या है ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7 और इसे अब तक का सबसे ज्यादा खतरनाक सब-वेरिएंट क्यों कहा जा रहा है...

ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट पर नहीं हो रहा एंटीबॉडी का असर, जानें BF.7 से जुड़े अहम सवालों के जवाब
इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
नई दिल्ली:

चीन-अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस (COVID-19 Infections) एक बार फिर से डरा रहा है. चीन में हालात साल 2020 जैसे हो रहे हैं. वहां कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के नए सब-वेरिएंट BF.7 (Omicron New Sub-Variant) की लहर आई है. भारत में भी इस सब-वेरिएंट के अब तक 4 केस मिल चुके हैं. जिसके बाद दहशत का माहौल बन गया है. इसको लेकर केंद्र सरकार सतर्क है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई गाइडलाइंस भी जारी की है. इन सबके बीच आइए जानते हैं कि क्या है ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7 और इसे अब तक का सबसे ज्यादा खतरनाक सब-वेरिएंट क्यों कहा जा रहा है...


ओमिक्रॉन का वेरिएंट BF.7 क्या है?
ओमिक्रॉन कोरोना वायरस का एक वेरिएंट है.  इसके कई सब वेरिएंट हैं- जैसे- BA.1, BA.2, BA.5 वगैरह. ओमिक्रॉन का ऐसा ही एक लेटेस्ट सब वेरिएंट है BA.5.2.1.7. जिसे शॉर्ट में BF.7 कहा जा रहा है. BF.7 वेरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता.

सेल होस्ट और माइक्रोब जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, BF.7 मूल वुहान वायरस की तुलना में 4.4 गुना मजबूत प्रतिरोध है. यह इस बात की ओर इशारा करता है कि वैक्सीनेशन-प्रेरित एंटीबॉडी रोगज़नक के खिलाफ अपर्याप्त रूप से शक्तिशाली है.

आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है. BF.7 वेरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है.

इससे संक्रमित एक शख्स कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है?
BF.7 की R0 वैल्यू 10 से 18.6 है. यानी इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है. WHO के अधिकारियों का मानना है कि ये अब तक के सभी वेरिएंट में सबसे ज्यादा है. इससे पहले डेल्टा की R0 वैल्यू 6-7 और अल्फा की R0 वैल्यू 4-5 थी.

BF.7 वेरिएंट कहां पैदा हुआ और अब तक दुनिया के किन देशों में पहुंच चुका है?
BF.7 वेरिएंट का पहला केस चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में मिला था. अब तक ये वायरस भारत, अमेरिका, यूके, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क समेत कई यूरोपीय देशों में फैल चुका है.

भारत में अब तक कितने केस मिले और कहां मिले हैं?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि कोरोना का खतरनाक चीनी वेरिएंट BF-7 सितंबर महीने में ही भारत आ गया था. वडोदरा में एक NRI महिला में इसके लक्षण मिले थे. वह अमेरिका से वडोदरा आई थी. उसके संपर्क में आए 2 अन्य लोगों की भी जांच हुई थी, हालांकि इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. बाद में महिला ठीक हो गई थी. इसके अलावा दो अन्य केस अहमदाबाद और ओडिशा में भी मिले थे.

BF.7 वेरिएंट से संक्रमित होने के लक्षण क्या हैं?
कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट BF.7 के लक्षण भी ओमिक्रॉन के पहले मिले वेरिएंट्स के लक्षण के जैसे ही हैं. जैसे बुखार आना, गले में खराश, खांसी और कफ निकलना. यह वेरिएंट इंसान के श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है. इसकी वजह से कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह काफी घातक होता है. यानी उनकी मौत भी हो सकती है.

वेरिएंट पर कोविड वैक्सीन का कितना असर होता है?
BF.7 वेरिएंट कोरोना के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है, जिसका नाम है R346T. इसी म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता.

बता दें कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 129 नए केस मिले है. 24 घंटों में दर्ज एक मौत के साथ देश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 3408 है.

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