ईवीएम-वीवीपैट पर सुप्रीम कोर्ट सुना सकता है अहम फैसला
EVM-VVPAT को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएग. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में मांग की गई है कि EVM के जरिए डाले गए वोट की VVPAT की पर्चियों से शत प्रतिशत मिलान किया जाए या फिर बैलेट पेपर से चुनाव हों.
इस मामले से जुड़ी 5 बड़ी बातें
- सुनवाई के दौरान SC ने चुनाव आयोग ने इस मांग को अव्यवहारिक बताया है.कोर्ट ने EVM-VVPAT के द्वारा चुनाव प्रकिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के अधिकारी से तकनीकी पहलुओं पर सवाल जवाब भी किए थे. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम संदेह के आधार पर आदेश जारी नहीं कर सकते हैं. अदालत चुनाव की नियंत्रण अथॉरिटी नहीं है.
- कोर्ट ने VVPAT को लेकर कहा कि अभी तक गड़बड़ी की एक भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है. हम साथ में ये भी देख रहे हैं कि क्या ज्यादा VVPAT के मिलान का आदेश दिया जा सकता है.
- कोर्ट ने आगे कहा कि अगर कुछ सुधार की जरूरत है तो सुधार करेंगे. हमने इस मामले में दो बार दखल दिया. पहले VVPAT अनिवार्य करने में और फिर एक से 5 VVPAT मिलान के आदेश जारी करके.
- सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इसलिए हमने चुनाव आयोग से भी यही सवाल पूछा था. आयोग का कहना है कि फ्लैश मेमोरी में कोई दूसरा प्रोग्राम फीड नहीं किया जा सकता. उनका कहना है कि वो फ़्लैश मेमोरी में कोई प्रोगाम अपलोड नहीं करते, बल्कि चुनाव चिह्न अपलोड करते हैं, जो कि इमेज की शक्ल में होता है. हमें तकनीकी चीजों पर आयोग पर यकीन करना ही होगा.
- इस पर प्रशांत भूषण ने दलील दी कि वो चुनाव चिन्ह के साथ साथ कोई ग़लत प्रोगाम तो अपलोड कर सकते हैं. मेरा अंदेशा उस बात को लेकर है. फिर कोर्ट ने कहा कि हम आपकी दलील को समझ गए. हम फैसले में इसका ध्यान रखेंगे.