लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से जुड़ी वीवीपैट के साथ छेड़छाड़ की घटना से संबंधित है, जिसके जरिए चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने की मंशा से वीवीपैट की पर्चियों को चुराने की कोशिश की जा रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत और चुनावी दुष्प्रचार पाया। वायरल वीडियो में ईवीएम से वीवीपैट को निकाला जा रहा है, न कि इसे चुराया जा रहा है। यह पूरी प्रक्रिया चुनाव आयोग के स्थापित दिशानिर्देशों के मुताबिक है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक, वीवीपैट पर्चियों को मशीन से निकालकर काले लिफाफे में सुरक्षित रखकर उसे सील कर दिया जाता है, ताकि वीवीपैट का इस्तेमाल अगले चुनाव में किया जा सके.
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Adak Sukesh' ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “बहुत अहम वीडियो है आप इसको जरूर देखिए 19 तारीख में जो चुनाव हुआ चुनाव के बाद ईवीएम जहां फुल सिक्योरिटी में रखी जाती है वहां ईवीएम से वीवीपीएटी से पर्ची चुराई जा रही है और भारतीय जनता पार्टी अपनी पर्ची डलवा रही है।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
यह पहली बार नहीं है, जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हुआ हो। इससे पहले भी यह वीडियो भिन्न-भिन्न चुनावों के दौरान समान संदर्भ में वायरल हो चुका है। पिछली बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले इस वीडियो को शेयर कर दावा किया गया था कि यह ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ का वीडियो है, जिसमें वीवीपैट को मशीन से निकाल कर नष्ट किया जा रहा है, जबकि नियम के मुताबिक, इसे एक साल तक के लिए सुरक्षित रखना होता है।
विश्वास न्यूज ने तब इस वीडियो की जांच की थी और इसे अपनी जांच में फेक पाया था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वास्तव में यह वीडियो ईवीएम से वीवीपैट को निकाले जाने का था, न कि उसे नष्ट या चुराए जाने का, जो चुनाव आयोग के स्थापित दिशानिर्देशों के मुताबिक है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक, वीवीपैट पर्चियों को मशीन से निकाल कर काले लिफाफे में सुरक्षित रखकर उसे सील कर दिया जाता है, ताकि वीवीपैट का इस्तेमाल अगले चुनाव में किया जा सके। वायरल वीडियो में यह देखा जा सकता है कि पूरी प्रक्रिया को कैमरे में रिकॉर्ड किया जा रहा है और वीवीपैट पर्चियों को काले रंग के लिफाफे में रखा जा रहा है।
I am waiting for someone else to take action..
— Shenaz (@WeThePeople3009) December 13, 2022
एक एक्स यूजर ने 13 दिसंबर 2022 को इस वीडियो को ट्वीट करते हुए इसे गुजरात के भावनगर विधानसभा चुनाव में हुई हेराफेरी का बताया था, जिस पर भावनगर के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के ट्विटर हैंडल से जवाब (आर्काइव लिंक) देते हुए बताया गया था, “ईसीआई (चुनाव आयोग) के दिशानिर्देशों के मुताबिक, मतगणना के बाद वीवीपैट पर्चियों को वीवीपैट से निकाल कर उन्हें काले रंग के लिफाफे में रखकर उसे सील कर दिया जाता है, ताकि वीवीपैट का इस्तेमाल अगले चुनाव में किया जा सके। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है और इसकी एक कॉपी स्ट्रॉन्ग रूम में,जबकि दूसरी संबंधित डीईओ के पास रखी जाती है।”
इससे पहले हमने चुनाव आयोग की तत्कालीन प्रवक्ता शेफाली शरण से संपर्क किया था और उन्होंने बताया था कि वायरल वीडियो पुरानी घटना से संबंधित है और इसमें जो कुछ भी दिख रहा है, वह ईसीआई के स्थापित मानकों के मुताबिक है।
चुनाव आयोग (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, कुल सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से हुई, जिसके तहत कुल 102 सीटों पर वोट डाले गए। अगले चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा, जिसके तहत कुल 89 सीटों पर वोटिंग होगी।
The world's largest democracy's General Elections are here! #LokSabhaElections2024
— Election Commission of India (@ECISVEEP) March 16, 2024
Check out the phase wise schedule of General Elections to Lok Sabha #Elections2024.👇✨#ElectionCommission #electiondate #ChunavKaParv #DeshKaGarv pic.twitter.com/Vwoyjm3dcu
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब सात सौ लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: नियमों के मुताबिक, वीवीपैट मशीन से पर्चियों को निकाले जाने की प्रक्रिया के वीडियो को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद फेक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक अगले चुनाव से पहले मशीनों को तैयार करने के लिए वीवीपैट पर्चियों को निकालकर एक लिफाफे में रखकर सील कर दिया जाता है। वायरल वीडियो में इसे स्पष्ट रूप से देखा भी जा सकता है। हालांकि, इस वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि पहले चरण के मतदान के बाद पर्चियों की चोरी की जा रही है, ताकि लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित किया जा सके।
यह ख़बर मूल रूप से विश्वास News द्वारा प्रकाशित की गई थी, और इसे शक्ति कलेक्टिव के अंतर्गत NDTV ने पुनर्प्रकाशित किया है.
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