- इथियोपिया के हायली गुब्बी ज्वालामुखी के फटने का असर भारत तक हुआ है.
- DGCA ने एयरलाइंस को राख प्रभावित क्षेत्रों से बचने, रूट बदलने और सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश
- ज्वालामुखी के फटने का असर दिल्ली, राजस्थान और उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में महसूस किया जा रहा है
इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद उठी राख के बादल भारत तक पहुंचने लगे हैं. इसकी वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर पड़ा है. आईजीआई एयरपोर्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार अब तक 19 अंतरराष्ट्रीय विमानें वोल्कानिक ऐश के कारण प्रभावित हुई है.
7 फ्लाइट की गई रद्द
दिल्ली एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रात रात एक बजे से अब तक दिल्ली एयरपोर्ट पर कम से कम 7 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें (आने/जाने वाली) रद्द करनी पड़ीं हैं जबकि 12 विदेशी उड़ानों में देरी हुई है. एयर इंडिया ने भी सोमवार से अब तक 13 उड़ानें रद्द कर दी हैं.
मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) ने भी एडवाइजरी जारी कर कहा कि इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के कारण पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों का हवाई क्षेत्र प्रभावित हुआ है. इससे कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर पड़ सकता है. यात्रियों से अनुरोध है कि एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति अपने एयरलाइन से जरूर चेक कर लें.
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अंतरराष्ट्रीय विमानों पर क्यों पड़ रहा असर?
इथियोपिया के हायली गुब्बी ज्वालामुखी से निकली राख के बादल उड़ानों के लिए खतरा बन सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये राख के बादल अब भारत के पश्चिमी हिस्सों की तरफ भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार ने सभी एयरलाइन्स और एयरपोर्ट संचालकों को एडवाइजरी जारी कर हाई अलर्ट पर रहने को कहा है.
DGCA ने जारी की एडवाइजरी
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि ज्वालामुखी राख वाले क्षेत्रों से दूर उड़ानें प्लान करें, रूट बदलें और जरूरी ईंधन की व्यवस्था करें. टूलूज़ और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने ज्वालामुखी राख को लेकर एडवाइजरी और ASHTAM जारी कर खतरनाक हालात की चेतावनी दी है. एविएशन ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने ऑपरेशन मैनुअल में दिए गए ज्वालामुखी राख से जुड़े सभी नियमों का सख्ती से पालन कराएं. पायलट, डिस्पैचर और केबिन क्रू को प्रभावित क्षेत्रों और ऊँचाइयों से दूर रहने को कहा गया है.
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क्या है नई एडवायजरी
नई एडवाइजरी के अनुसार फ्लाइट प्लान और रूट बदलने, और किसी भी राख के असर जैसे इंजन में गड़बड़ी या केबिन में धुआँ/गंध की तुरंत रिपोर्ट करने को कहा गया है. डिस्पैचर टीम को NOTAM, ASHTAM और मौसम अपडेट लगातार मॉनिटर करने के निर्देश दिए गए हैं. एयरलाइंस को बताया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों से बचें, जरूरत पड़ने पर उड़ानों का रूट बदलें, और ऐसे क्षेत्रों के पास उड़ान भरने वाले विमानों की लैंडिंग के बाद इंजन और एयरफ्रेम की जांच करवाएं.
दिए गए ये निर्देश
हालात बिगड़ने पर एयरपोर्ट के लिए उड़ानें रोकने या देर करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.सभी ऑपरेटरों को अपनी इंटरनल सेफ्टी चेक सिस्टम सक्रिय करने, इंजन परफॉर्मेंस व केबिन में गंध/धुएं पर नजर रखने, मौसम में बदलाव से राख के फैलाव का आकलन करने और निर्माता व ICAO की गाइडलाइन का पालन करने को कहा गया है. यदि किसी एयरपोर्ट पर ज्वालामुखी राख जमा होती है, तो रनवे और टैक्सीवे की तत्काल जांच, जरूरी होने पर हवाई संचालन रोकने और सफाई के बाद ही उड़ानें शुरू करने की सलाह दी गई है.
एविएशेन सेक्टर को ये सलाह
एयरलाइंस को 24×7 सैटेलाइट इमेज, एडवाइजरी बुलेटिन, मौसम अपडेट और राख की मूवमेंट के ताजा पूर्वानुमान लगातार देखने को कहा गया है. सभी ऑपरेटरों से कहा गया है कि वे इस जानकारी को तुरंत अपनी ऑपरेशनल टीमों तक पहुँचाएं और अगले आदेश तक इसका सख्ती से पालन करें.
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मौजूदा स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. हम सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स के साथ लगातार संपर्क में हैं. इस चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. पूरी स्थिति पर रियल टाइम में नजर रखी जा रही है, और आवश्यकता के अनुसार तुरंत निर्णय लिया जाएगा."
एयरलाइन्स ने जारी की ट्रेवल एडवाइजरी
मौजूदा स्थिति को देखते हुए देश की कई एयरलाइंस ने सावधानी बढ़ा दी है और यात्रियों को लगातार फ्लाइट स्टेटस चेक करने की सलाह दी है. स्पाइसजेट (Spicejet) ने दुबई आने-जाने वाले यात्रियों को चेतावनी जारी की है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति पर कड़ी नज़र रखें. एयरलाइन ने बताया कि उसकी फ़्लाइट ऑपरेशंस और सेफ्टी टीमें अंतरराष्ट्रीय एविएशन अथॉरिटीज के साथ मिलकर राख के बादल की दिशा और प्रभाव की निगरानी कर रही हैं
इसी तरह अकासा एयर (Akasha Air) ने कहा है कि वह ज्वालामुखी गतिविधि पर लगातार नजर रख रही है और संभावित जोखिमों का आकलन कर रही है. इंडिगो (Indigo) ने भी बताया कि वह सभी सावधानियों के साथ तैयार है और लोगों को समय-समय पर अपडेट देती रहेगी. वहीं एयर इंडिया (Air India) ने यात्रियों को आश्वस्त किया कि फिलहाल उड़ानों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है, लेकिन सुरक्षा को लेकर उसकी टीम पूरी तरह सतर्क है और ग्राउंड स्टाफ जरूरत पड़ने पर यात्रियों की मदद के लिए तैयार है.
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ज्वालामुखी विस्फोट का बढ़ रहा असर
जानकारी के अनुसार, रविवार को करीब 10,000 वर्ष बाद हायली गुब्बी (Hayli Gubbi) ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ, जिसके बाद निकली राख लाल सागर पार कर ओमान और यमन तक पहुंची और अब पूर्व की ओर बढ़ते हुए उत्तर भारत के हवाई क्षेत्र की तरफ बढ़ रही है. अधिकारियों के अनुसार दिल्ली और जयपुर के ऊपर का एयरस्पेस ( Airspace) भी इसकी जद में आ सकता है.
कितनी खतरनाक है स्थिति?
विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन और समुद्र के ऊपर इसकी तीव्रता कम होने की उम्मीद है, लेकिन प्रभावित कॉरिडोर से बचने के लिए उड़ानें रूट बदलेंगी, इसलिए उड़ानों में व्यवधान जारी रह सकता है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि थोड़ी सी ज्वालामुखी राख भी विमान के इंजनों को नुकसान पहुंचा सकती है. इसी वजह से फ्लाइट डाइवर्जन, देरी और कैंसिलेशन की संभावना बनी हुई है. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फ्लाइट स्टेटस बार-बार चेक करें और एयरलाइन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें.
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