जम्मू स्थित भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के अड्डे पर हुए ड्रोन हमले के एक हफ्ते बाद प्रशासन ने श्रीनगर (Srinagar Bans Drone) शहर में ड्रोन के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. ड्रोन की खरीद-फरोख्त पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहेगी. प्रशासन ने कहा है कि क्षेत्र में जिन भी लोगों के पास ड्रोन हैं, वे जल्द से जल्द उसे पुलिस स्टेशन में जमा करा दें. जिलाधिकारी मोहम्मद ऐजाज ने 3 जुलाई को जारी आदेश में कहा कि जिन भी लोगों के पास ड्रोन कैमरा या हवाई संबंधी अन्य यंत्र आदि हैं, वे उसे पुलिस के पास जमा करा दें.
मोहम्मद ऐजाज ने NDTV से बातचीत में कहा, 'श्रीनगर में सुरक्षा कारणों के चलते ड्रोन रखने, बेचने और इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है. जिन लोगों के पास ड्रोन हैं, वे उन्हें नजदीकी पुलिस थाने में जमा कराएं.' कृषि, पर्यावरण संरक्षण और आपदा न्यूनीकरण क्षेत्रों में सर्वेक्षण और निगरानी गतिविधियों के लिए ड्रोन का उपयोग करने वाले सरकारी विभागों को स्थानीय पुलिस स्टेशन को उनका उपयोग करने से पहले सूचित करने के लिए कहा गया है.
आदेश में आगाह किया गया है कि दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और साथ ही पुलिस को प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया गया है.
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बताते चलें कि रविवार को जम्मू में वायुसेना के अड्डे पर हमला करने के लिए विस्फोटकों से लैस ड्रोनों का इस्तेमाल किया गया था. भारत में महत्त्वपू्र्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा मानवरहित हवाई यानों (यूएवी-ड्रोन) का इस्तेमाल करने का यह पहला ऐसा मामला है.
वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने कहा कि जम्मू में वायु सेना के अड्डे पर हुए ड्रोन हमले आतंकी कार्रवाई थी, जिनका मकसद प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाना था. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना सुरक्षा की ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को मजबूत बना रही है. हमलों की विस्तृत जांच जारी है और जांच के परिणाम के आधार पर सभी तरह के कदम उठाए जाने की तैयारी है.
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