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This Article is From Jun 21, 2021

प्रशांत किशोर ने कहा, 'यकीन नहीं कि तीसरा या चौथा मोर्चा बीजेपी को सफलतापूर्वक चुनौती दे सकता है'

बीजेपी के ख‍िलाफ विपक्षी दलों के एक मोर्चे के गठन की अटकलों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि उन्हें इस बात का यकीन नहीं है कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा बीजेपी को कामयाबी से चुनौती दे पाएगा.

प्रशांत किशोर ने कहा, 'यकीन नहीं कि तीसरा या चौथा मोर्चा बीजेपी को सफलतापूर्वक चुनौती दे सकता है'
नई दिल्ली:

बीजेपी के ख‍िलाफ विपक्षी दलों के एक मोर्चे के गठन की अटकलों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि उन्हें इस बात का यकीन नहीं है कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा बीजेपी को कामयाबी से चुनौती दे पाएगा. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "मैं तीसरे या चौथे मोर्चे में विश्वास नहीं करता... विश्वास नहीं करता कि तीसरा या चौथा मोर्चा सफलतापूर्वक भाजपा को चुनौती दे सकता है."

प्रशांत किशोर ने पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की जिसके बाद तीसरे मोर्चे के गठन की अटकलों को बल मिला. इससे पहले 11 जून को मुंबई में शरद पवार के घर पर दोनों के बीच 3 घंटे की मुलाकात हुई थी.

आज की बैठक अगले लोकसभ चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के 'मिशन 2024' की अटकलों के बीच हुई है. 

किशोर का मानना ​​है कि तीसरा मोर्चा मॉडल आजमाया हुआ और पुराना है, और वर्तमान राजनीतिक हालात के अनुकूल नहीं है.

उनका नाटकीय स्पष्टीकरण उन अटकलों पर विराम लगाने के लिए है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के साथ उनकी बैठकें 2024 के आम चुनावों के लिए तीसरे मोर्चे जैसे एक गठबंधन को रूप देने को लेकर है.

प्रशांत किशोर कहते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है.

प्रशांत किशोर का कहना है कि एनसीपी प्रमुख के साथ ये मुलाकात दोनों के लिए एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने के लिए है. दोनों ने अतीत में साथ मिलकर काम नहीं किया है.

किशोर कहते हैं कि पवार के साथ बैठकों में विशुद्ध राजनीतिक चर्चाएं होती हैं, राज्य दर राज्य इस संभावना का पता लगाने के लिए कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में क्या काम करेगा और क्या नहीं. उन्होंने कहा कि एक संभावित तीसरे मोर्चे के प्रकार का मॉडल, अभी के लिए, उनकी योजना में शामिल नहीं है.

ममता बनर्जी के प्रचार अभियान को तैयार करने में मदद करने वाले किशोर ने बाद में कहा कि उनकी जीत ने सभी विपक्षी दलों को एक संदेश दिया कि “वे भी भाजपा के सामने खड़े हो सकते हैं और उन्हें चुनौती दे सकते हैं.”

वे कहते हैं, पवार अपने दुर्जेय अनुभव और नेटवर्किंग कौशल के लिए जाने जाते हैं, जबकि वह (प्रशांत किशोर खुद) एक रणनीतिक खाका प्रदान कर सकते हैं.

प्रशांत किशोर की दो हफ्तों में दूसरी बार शरद पवार से मुलाकात, अटकलों का दौर शुरू

प्रशांत किशोर जो कि पहले NDTV से कह चुके हैं कि वो अब ये काम छोड़ना चाहते हैं, उन्होंने कांग्रेस के रवैये की आलोचना की औ कहा कि पार्टी को यक महसूस करना चाहिए कि उसमें एक समस्या है और फिर उसे दूर करने के लिए कुछ किरना चाहिए.

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