
- केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार की कानून व्यवस्था पर लगातार सरकार की आलोचना कर रहे हैं
- चिराग ने बिहार में बढ़ती अपराध की घटनाओं को लेकर चिंता जताई और कहा कि बिहारी सुरक्षित नहीं हैं
- चिराग पासवान ने आगामी विधानसभा चुनाव में सामान्य सीट से चुनाव लड़ने और सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है
क्या बिहार में NDA सब कुछ ठीक है? क्या बिहार में बीजेपी, JDU और LJP रामविलास एक साथ है? क्या केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पाला बदलने वाले हैं? क्या बिहार चुनाव की घोषणा से पहले कोई बड़ा सियासी खेला होने वाला है? जी हां ये तमाम सवाल इस समय बिहार के मतदाताओं के मन में है क्योंकि बिहार में कानून व्यवस्था के लचर होने के नाम पर जो सवाल इस समय विपक्ष में उठा रह है उनमें सुर में सुर मिलते राज्य में सत्ताधारी गठबंधन के कई नेता भी नजर आ रहे हैं. एक नाम जो लगातार राज्य सरकार को, बिहार पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए नीतीश कुमार पर निशाना साध रहा है वो है LJP रामविलास के मुखिया, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान.
चिराग बीते एक-डेढ़ महीने से जिस तरह खुलकर नीतीश सरकार की खिलियां उड़ा रहे हैं, जिस तरह से खुलकर बिहार पुलिस पर हमला बोल रहे हैं, जिस तरह से खुलकर शाशन-प्रसाशन की नाकामियां गिना रहे हैं ऐसे में अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा करके चिराग मैसेज क्या देना चाहते हैं ? अपने पिता रामविलास पासवान की तरह क्या चिराग ने भी बिहार के सियासी मौसम का क्या पूर्वानुमान लगा लिया है? क्या चिराग को ऐसा लगने लगा है की चुनाव में JDU के साथ रहना घाटे का सौदा तो नहीं. हम ये तमाम बातें हवा में नहीं कह रहे हैं, इन बातों के कहने के पीछे का कारण है केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के हालिया बयान.
26 जुलाई को मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि प्रशासन अपराधियों के सामने पूरी तरह नतमस्तक दिख रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी घटनाएं कम क्यों नहीं हो रही हैं? बिहार में हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया. उन्होंने कहा, मुझे इस बात का दुख है कि मैं ऐसी सरकार को समर्थन कर रहा हूं, जहां अपराध पूरी तरह बेलगाम हो चुका है. यहां बिहारी सुरक्षित नहीं हैं. जरूरत है कि सरकार समय रहते चेत जाएं.
गजब ये है की चिराग उसी सरकार की आलोचना में कह रहे थे, जिसका हिस्सा खुद उनकी पार्टी भी है. सिर्फ इस एक बयान के जरिये हम ये नहीं कह रहे हैं. इससे पहले भी कई मौकों पर चिराग पासवान नितीश सरकार पर सार्वजानिक तौर पर निशाना साध चुके है. चिराग अभी NDA का हिस्सा है और इसी गठबंधन में रहते अगर वो बिहार चुनाव लड़ते हैं तो ये जगजाहिर है कि वो सभी 243 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन ये बात अच्छी तरह से जानते हुए चिराग ने एक सभा में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषण कर दी. चिराग यही नहीं रुके 6 जुलाई को सारण में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने एलान कर दिया की वो आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे और वो भी सामान्य सीट से.
चिराग के मन में क्या कोई प्लान B चल रह है इन बातों को बल तब भी मिला जब 23 जुलाई को चिराग पासवान ने खुलेआम जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को ईमानदार नेता बताते हुए कहा कि जो जाति, पंथ या धर्म के बजाय राज्य के बारे में सोचता है, उसका स्वागत होना चाहिए. चिराग इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रशांत किशोर की सराहना करते हुए कहा की पीके बिहार की राजनीति में एक ईमानदार भूमिका निभा रहे हैं.
चिराग पासवान और प्रशांत किशोर दोनों ही एक-दूसरे को मित्र भी बताते हैं. ऐसे में सवाल ये है कf क्या चिराग और पीके आने वाले दिनों में एक साथ नजर आ सकते हैं? क्या पीके नीतीश को चुनौती देने के लिए चिराग को साथ लेकर बिहार के चुनाव का रुख बदल सकते हैं? चिराग की दोस्ती केवल पीके से ही नहीं है तेजस्वी यादव और लालू परिवार के साथ भी उन्हें रिश्ते काफी अच्छे हैं, हमेशा वो तेजस्वी को छोटा भाई कहते हैं ऐसे में सवाल है कf क्या भाई-भाई कहने से बात आगे भी बढ़ सकते हैं? ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या चुनाव नज़दीक आते-आते चिराग कुछ ऐसा कर सकते हैं क्या जिससे बिहार चुनाव और रोमांचक बन जाये और इसका जवाब पाने के लिए हमें करना होगा इंतज़ार.
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