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This Article is From Jun 13, 2022

"अंधेरा छा जाएगा", दिल्ली की बिजली हरियाणा को दिए जाने पर केजरीवाल सरकार ने केंद्र को किया आगाह

27 पेज के पत्र में दिल्ली सरकार ने दादरी-2 प्लांट से बिजली आपूर्ति की अहमियत पर जोर दिया है और इस बिजली को हरियाणा को आवंटित न करने का अनुरोध किया है.

"अंधेरा छा जाएगा", दिल्ली की बिजली हरियाणा को दिए जाने पर केजरीवाल सरकार ने केंद्र को किया आगाह
Delhi Power Demand : दिल्ली में बिजली की खपत रिकॉर्ड स्तर पर
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि उसे दादरी-2 पावर प्लांट की 728 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति पहले की तरह जारी रखी जाए. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को आगाह किया कि अगर ऐसा न किया गया तो राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले दिनों में अंधकार (Delhi blackout) छा सकता है. दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (ऊर्जा) ने भारत सरकार के ऊर्जा सचिव को 9 जून को एक पत्र लिखा था. इसमें राजधानी में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए दादरी II बिजली संयंत्र (Dadri II power plant) की बिजली दिल्ली से लेकर हरियाणा को दिए जाने के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है. सूत्रों के अनुसार, पत्र में कहा गया है, दादरी-2 के बिना दिल्ली में बिजली की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर आ जाएगी और इससे ब्लैकआउट का खतरा पैदा हो सकता है. लिहाजा दिल्ली को ऐसे खतरे से बचाने के लिए इस बिजली संयंत्र के उत्पादन में से 728 मेगावॉट का हिस्सा रखने दिया जाए.

27 पेज के पत्र में दिल्ली सरकार ने दादरी-2 प्लांट से बिजली आपूर्ति की अहमियत पर जोर दिया है और इस बिजली को हरियाणा को आवंटित न करने का अनुरोध किया है. दरअसल, केंद्र के ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) ने अप्रैल में दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने 6 जुलाई 2015 को लिखे पत्र का हवाला दिया था, उक्त पत्र में जैन ने दादरी-2 पावर प्लांट समेत 11 केंद्रीय बिजली उत्पादन स्टेशनों से राजधानी को आवंटित बिजली तुरंत प्रभाव से वापस करने की बात कही थी और इसे दूसरे जरूरतमंद राज्यों को देने को कहा था. ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली द्वारा वापस की गई बिजली हरियाणा को आवंटित कर दी थी.

सूत्रों ने कहा, दिल्ली सरकार के पत्र में कहा गया है कि दादरी-द्वितीय सहित विभिन्न थर्मल पावर स्टेशनों से बिजली की आपूर्ति के लिए दिल्ली डिस्कॉम (बीएसईएस और टीपीडीडीएल) और एनटीपीसी के बीच लगभग 12 साल पहले हुआ बिजली खरीद समझौता (728 मेगावाट क्षमता) 30 जुलाई 2035 तक वैध है. दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा, "राजधानी की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए 728 मेगावाट महत्वपूर्ण है.

महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और विदेशी दूतावासों के आवास, राष्ट्रीय राजधानी के लिए निर्बाध बिजली के महत्व पर अधिक दबाव नहीं दिया जा सकता है." दिल्ली में बिजली की मांग में 2015 से 2022 के बीच अप्रत्याशित उछाल आया है. वर्ष 2015 में दिल्ली में बिजली की मांग 5846 मेगावॉट थी, जो अब बढ़कर 2022 में 8200 मेगावॉट तक पहुंच गई है. 

दादरी प्लांट की बिजली को जोड़ लें तो फिर भी जून 2022 से सितंबर के बीच दिल्ली में बिजली की आपूर्ति में 300 से 1100 मेगावॉट की कमी रह सकती है. सूत्रों का कहना है कि द्ली सरकार 2017 से लगातार दादरी-2 से बिजली आपूर्ति जारी रखने का अनुरोध करती रही है. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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