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AQI टेम्परेचर है... सीएम रेखा गुप्ता के बयान पर केजरीवाल बोले- ये नया विज्ञान कब आया?

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. राजधानी में जहरीले स्मॉग की एक परत छाई हुई है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, सोमवार सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 318 दर्ज किया गया.

AQI टेम्परेचर है... सीएम रेखा गुप्ता के बयान पर केजरीवाल बोले- ये नया विज्ञान कब आया?

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण पर बोलते हुए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को एक टेम्परेचर बता दिया, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना रिएक्शन दिया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए पूछा कि ये नया विज्ञान कब आया?

क्या बोलीं सीएम रेखा गुप्ता?

दरअसल एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में जब सीएम रेखा गुप्ता से प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंटरों पर पानी छिड़कने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि,"यह हॉट-स्पॉट पर धूल को बैठाने का एकमात्र तरीका है. AQI एक ऐसा टेम्परेचर है, जिसका पता किसी इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से लगाया जाता है और पानी देना इसका एकमात्र तरीका है."

केजरीवाल का आया रिएक्शन

उनके इस बयान पर अब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने टिप्पणी की है. केजरीवाल ने एनडीटीवी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "पहली बात - मुख्यमंत्री जी ने ये तो स्वीकार कर लिया कि जहां-जहां AQI मॉनिटर लगे हैं वहीं पानी का छिड़काव कराया जा रहा है, ताकि दिल्ली के लोगों तक प्रदूषण का सच ना पहुंच पाए. यानी आंकड़ों को छुपाकर हवा साफ दिखाने का खेल चल रहा है. दूसरी बात - ये नया विज्ञान कब आया कि AQI अब टेंपरेचर बन गया?"

दिल्लीवासियों को नहीं मिल रही राहत

बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. राजधानी में जहरीले स्मॉग की एक परत छाई हुई है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, सोमवार सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 318 दर्ज किया गया, जो हवा की बेहद खराब कैटेगरी में आता है. 

'चुप नहीं बैठ सकते'

इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा कि वो चुप नहीं बैठ सकते हैं. दिल्ली में प्रदूषण कम हो सकता है, हमने कोविड-19 के दौरान देखा कि कैसे आसमान पूरा साफ हो गया. लोग दिल्ली में रहते हुए भी आसमान में बगैर किसी प्रदूषण के तारे तक देख पाते थे.सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पराली जलाना तो प्रदूषण का एक कारण है. ये किसी के लिए राजनीतिक और अहम का कारण नहीं बनना चाहिए. 

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