आम आदमी पार्टी विधायक गोपाल इटालिया पर हुए जूता फेंकने के हमले ने गुजरात की राजनीति को हिला दिया है. भीड़ के बीच एक कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा किया गया यह हमला न सिर्फ इटालिया की बढ़ती लोकप्रियता का संकेत बना, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी नए सवाल खड़े कर गया. घटना के तुरंत बाद लोगों का समर्थन इटालिया के साथ खड़ा दिखाई दिया. सोशल मीडिया हो या स्थानीय इलाक़े, हर जगह उनके संयम और सरल स्वभाव की चर्चा रही.
केजरीवाल गुजरात पहुंचे
इसी माहौल में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल रविवार शाम अचानक गुजरात पहुंचे हैं, जिससे उनका तीन दिवसीय दौरा और भी महत्वपूर्ण बन गया है. यह दौरा औपचारिक कार्यक्रम की तरह नहीं, बल्कि हालात की गंभीरता को समझते हुए तुरंत लिया गया निर्णय है. केजरीवाल सबसे पहले उन किसानों और पार्टी कार्यकर्ताओं के परिवारों से मिलेंगे, जिन्हें पहले सरकारी कार्रवाई के नाम पर जेल भेजा गया था और जो अब जमानत पर रिहा हुए हैं. यह संदेश साफ है कि आम आदमी पार्टी अपने लोगों के दुख-दर्द में सबसे आगे खड़ी होती है.
राज्य में विपक्ष के परंपरागत दल जहां एक दूसरे पर आरोपों में उलझे दिखते हैं, वहीं केजरीवाल का यह दौरा जमीन पर जुड़े राजनीतिक नेतृत्व का उदाहरण बन रहा है. हमले की निंदा हर जगह हो रही है, लेकिन माहौल को विभाजित करने के बजाय पार्टी ने शांति और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का संदेश दिया है. इसी संतुलित और सकारात्मक रवैये ने स्टोरी को और व्यापक बना दिया है.
गोपाल इटालिया की शांत प्रतिक्रिया और लोगों के प्रति उनका अपनापन घटना से बड़ा मुद्दा बन गया है. कई जगह यह चर्चा है कि विरोधी चाहे जितनी कोशिश कर लें, लोगों से जुड़े नेता का असर कम नहीं किया जा सकता. इटालिया की पहचान मेहनती, साफ-सुथरी राजनीति के प्रतीक के रूप में और मजबूत हुई है.
अब तीन दिनों तक गुजरात की राजनीति का केंद्र राजकोट रहेगा. केजरीवाल के दौरे को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह दिख रहा है. यात्रा राज्य में आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत की तरफ इशारा करती है. पूरे घटनाक्रम ने एक स्पष्ट संदेश दिया है, गुजरात में लोगों की उम्मीदें बदली हैं, और बदलाव की दिशा में आम आदमी पार्टी सबसे मजबूत विकल्प बनकर उभर रही है.
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