दिल्ली की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है. प्रदूषण (Delhi Pollution, Delhi Air Quality) की वजह से राजधानी में सांस लेना दूभर हो रहा है. तमाम कोशिशों के बाद भी राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है. ये जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से दी गई है.आज सुबह 7 बजे (केंद्रीय सचिवालय स्टेशन और तीन मूर्ति के पास धुंध की मोटी परत छाई हुई थी और कुछ भी साफ-साफ दिखाई नहीं दे रहा है. ये हाल इन दिनों पूरी दिल्ली का है. वहीं सुबह साढ़ें 6 बजे कर्तव्य पथ का हाल भी कुछ ऐसा ही था. यहां भी हर तरफ धुंध ही धुंध छाई हुई थी. यही वजह है कि दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश करवाने पर विचार कर रही है.
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कुछ जगहों पर AQI 450 से ज्यादा
दिल्ली में आज सुबह कुछ जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 से ज्यादा दर्ज किया गया. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में, बवाना (437), नजफगढ़ - (450), न्यू मोती बाग (450)आरके पुरम (453), पंजाबी बाग (444), आईटीओ (441) और आनंद विहार में (432) है. वहीं नोएडा में आज का औसत एक्यूआई 461 है, जो कि बेहद गंभीर श्रेणी है. वहीं गुरुग्राम का औसत एक्यूआई आज 396, फरीदाबाद का औसत एक्यूआई 414, गाजियाबाद का औसत एक्यूआई 370 है.राष्ट्रीय राजधानी जहरीले धुएं की चादर में लिपटी हुई है, जिसकी वजह से डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों में सांस और आंखों की बीमारियों की बढ़ती संख्या के बारे में चिंता जताई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक पूरी दिल्ली में हवा की क्वालिटी 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है.सुबह तड़के आनंद विहार में एक्यूआई 432, आरके पुरम में 453, पंजाबी बाग में 444 और आईटीओ में 441 दर्ज किया गया.
Air quality across Delhi continues to be in the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
— ANI (@ANI) November 9, 2023
AQI in Anand Vihar at 432, in RK Puram at 453, in Punjabi Bagh at 444 and in ITO at 441 pic.twitter.com/F2IAq456GA
राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए, सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव दिया है कि दिल्ली सरकार अन्य राज्यों में पंजीकृत ऐप-आधारित टैक्सियों को राष्ट्रीय राजधानी के भीतर चलाने पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करे. दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने इस सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने अदालत की सिफारिश को लागू करने का काम अपने विभाग को सौंप दिया है.
दिल्ली में टक्सी सेवा पर क्या बोला उबर?
उबर की तरफ से कहा गया है कि उसे दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा इस प्रस्ताव के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं किया गया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा," हमें ध्यान देने की जरूरत है कि दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐप-आधारित टैक्सियां हैं जिनका पंजीकरण विभिन्न राज्यों में है. अगर हम सड़कों को देखें, तो एक कैब सिर्फ एक यात्री को ले जा रही है. हम जानना चाहेंगे कि क्या निगरानी का कोई रास्ता है, विशेष रूप से इस अवधि के दौरान, केवल दिल्ली में पंजीकृत टैक्सियों को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक अतिरिक्त उपाय के रूप में चलने की अनुमति है."
प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार के कदम
दिल्ली सरकार ने बिगड़ती हवा को देखते हुए राजधानी के सभी स्कूलों के लिए विंटर ब्रेक का ऐलान कर दिया है. दिसंबर में मिलने वाली सर्दियों की छुट्टियों को 9 से 18 नवंबर तक एडजस्ट करने की बात सरकार ने कही है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह कदम बच्चों की भलाई के लिए उठाया है. वहीं दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन लागू करने का भी ऐलान किया था. लेकिन उनकी ये योजना अधर में ही लटकी हुआ है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि उन्होंने पहले भी ऑड-ईवन लागू किया था, उसका क्या फायदा हुआ. अब शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में दिल्ली सरकार को अदालत के इस सावल का जवाब देना होगा. इसके बाद ही ऑड-ईवन लागू करने पर विचार किया जाएगा.
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