दिल्ली के शराब नीति केस में तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी और भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को आखिरकार जमानत मिल गई. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें ED-CBI दोनों केस में जमानत दे दी है. अदालत ने कविता को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था. देर रात तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद कविता भावुक हो गई. मीडिया से बात करके हुए उनकी आंखें छलक पड़ीं. तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद के कविता ने कहा, "हम लड़ेंगे और खुद को निर्दोष साबित करेंगे."
दिल्ली के शराब नीति केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने के. कविता को 15 मार्च 2024 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. 11 अप्रैल को इसी केस में CBI ने उन्हें कस्टडी में ले लिया. कविता 1 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के लिए गई थीं. तब हाईकोर्ट ने कहा था कि कविता मुख्य आरोपी हैं. जांच अभी अहम मोड़ पर है. अभी जमानत नहीं दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में दिल्ली हाईकोर्ट के उस कमेंट का भी जिक्र किया, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि एक उच्च शिक्षित महिला सेक्शन 41 के तहत स्पेशल ट्रीटमेंट की हकदार नहीं होनी चाहिए.
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के. कविता को किन शर्तों पर मिली जमानत
-के कविता को 10-10 लाख रुपये का बेल बॉन्ड भरना होगा.
-उन्हें अपना पासपोर्ट ट्रायल जज के पास सरेंडर करना होगा.
-वो सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी.
शराब नीति केस में कैसे आया कविता का नाम?
ED ने दिल्ली शराब घोटाले केस में कारोबारी अमित अरोड़ा को 30 नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया था. ED के मुताबिक, अमित ने अपने बयान में के कविता के नाम लिया था. कविता ने दिल्ली में AAP सरकार के नेताओं को 100 करोड़ रुपये का पेमेंट किया था. इन पैसों का इस्तेमाल AAP ने गोवा और पंजाब विधानसभा चुनाव में किया था.
अकाउंटेंट बुच्ची बाबू गोरंतला ने खोले राज़!
इसके बाद फरवरी 2023 में CBI ने कविता के अकाउंटेंट बुच्ची बाबू गोरंतला को गिरफ्तार किया. फिर ED ने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को 7 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया. पिल्लई ने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था. इसके तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिससे कविता की कंपनी 'इंडोस्पिरिट्स' को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली.
के कविता पर क्या है आरोप?
ED का कहना है कि दिल्ली के शराब नीति केस में कविता ने साउथ ग्रुप के साथ मिलकर शराब लाइसेंस के बदले दिल्ली सरकार को 100 करोड़ रुपये के पेमेंट की साजिश रची. साथ ही उन्होंने इंडो स्पिरिट्स में हिस्सेदारी की भी प्लानिंग की थी. 100 करोड़ के बदले इंडो स्पिरिट्स को शराब का थोक लाइसेंस मिला, जिससे 12% के प्रॉफिट के जरिए दिल्ली शराब नीति रद्द होने तक इंडो स्पिरिट्स ने 192.8 करोड़ रुपये का लाभ कमाया.
100 करोड़ की रिश्वत के देने के बाद जारी हुए साउथ ग्रुप के लाइसेंस
ED ने कहा कि 100 करोड़ की रिश्वत के देने के बाद साउथ ग्रुप के कई लाइसेंस जारी हुए. उनकी हिस्सेदारी तय हुई. सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनी Pernod Ricard को साउथ ग्रुप के थोक विक्रेता को निर्देशित करना और कई रिटेल एरिया की परमिशन देना शामिल है. AAP को दी गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत को व्हाइट मनी में बदलने के लिए गोवा चुनाव में खर्च किया गया. ये अपराध की आय है.
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