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This Article is From Dec 14, 2022

रच दिया इतिहास! दिव्यांगों की सुगम्य जागरुकता राइड 12 दिनों में 2500 किमी दूरी तय की

ईगल स्पेशियली एबल्ड राइडर्स द्वारा आयोजित सुगम्य जागरूकता राइड “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के लिए “दिल्ली - लोंगेवाला वॉर मेमोरियल से रवाना किया गया था. 10 दिव्यांगो द्वारा रेट्रोफिटेड स्कूटी से 12 दिनों में 2500 किमी की दूरी तय की गई है.

रच दिया इतिहास! दिव्यांगों की सुगम्य जागरुकता राइड 12 दिनों में 2500 किमी दूरी तय की
नई दिल्ली:

ईगल स्पेशियली एबल्ड राइडर्स द्वारा आयोजित सुगम्य जागरूकता राइड “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के लिए “दिल्ली - लोंगेवाला वॉर मेमोरियल से रवाना किया गया था. 10 दिव्यांगो द्वारा रेट्रोफिटेड स्कूटी से 12 दिनों में 2500 किमी की दूरी तय की गई है. इस असाधारण मिशन में कई संस्थायों ने साथ दिया, उनमें से प्रमुख है- हेलमेट वाला, रविषा फाउंडेशन, कैस्ट्रोल बाइकिंग, इंडियन ऑयल, जेएमडी डिवाइन कंसोर्टियम, कैनेर कनेक्टर, वंडर व्हील्स, हिंदुस्तान आयल एवं क्राइम कण्ट्रोल डिफेन्स आर्गेनाइजेशन.

सुगम्य जागरूकता राइड 29 नवंबर को दिल्ली से शुरू होकर पूरे राजस्थान से निकली. मंडावा, बीकानेर, रामदेवरा, पोकरण, जैसलमेर, तनोत बार्डर, लोंगेवाला वॉर मेमोरियल, बाड़मेर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, कैली मंदिर, भरतपुर होते हुए 10 दिसम्बर, 2022 को दिल्ली पहुंची. 3 दिसम्बर, 2022 विश्व विकलांगता दिवस को दिव्यांगों द्वारा लोंगेवाला वॉर मेमोरियल (जैसलमेर) में “1971 में भारत - पाक युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर  आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुती दे दी. 

दिव्यांगजन सुगम्य जागरूकता राइड के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि दे कर यह दिखाया कि अगर हौसला हो, तो जिंदगी में कुछ भी नामुमकिन नहीं है. विश्व के इतिहास में पहली बार दिव्यांगो द्वारा लोंगेवाला वॉर मेमोरियल में रेट्रोफिटेड स्कूटी से जाकर भारतीय धवज फहरा कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया, इस कीर्तिमान के रमेश चंद, अमीर सिद्दीकी, हेमंत कुमार, गोविंदा, पवन कुमार, प्रमोद सिंह, पवन कश्यप, संदीप कुमार, गिरीश अरोरा और तेजपाल यादव साक्ष्य हैं.

ईगल स्पेशियली एबल्ड राइडर्स पिछले 6 सालो से सुगम्य जागरूकता राइड का आयोजन कर रही है और इस कार्य के लिए टीम को मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया जा चूका है. यह संस्था न केवल राइड के माध्यम से जागरूकता फैलाने का कार्य करती है, बल्कि दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए भी कार्य करती है. कोरोना की पहली और दूसरी खतरनाक लहर में भी दिव्यांगों के प्रति महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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