मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) मुंबई हैं. गुरुवार को कांदिवली क्राइम ब्रांच ने जबरन वसूली के मामले में उनसे 7 घंटे पूछताछ की थी. आज वो चांदीवाला आयोग के पास जा सकते हैं. चांदीवाला आयोग अनिल देशमुख के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रहा है. या फिर वह ठाणे या CBD बेलापुर CID ऑफिस जा सकते हैं. ठाणे में बुकी केतन तन्ना की शिकायत पर जबरन वसूली का मामला दर्ज है, जबकि मरीन ड्राइव पुलिस थाने में कारोबारी श्यामसुंदर अग्रवाल की शिकायत पर दर्ज जबरनवसूली मामले की जांच CID कर रही है. इस बीच परमबीर सिंह ने वकील के जरिये मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपने खिलाफ जारी फरार घोषित नोटिस को रद्द करने की अर्जी दी है.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुम्बई क्राइम ब्रांच ने परमबीर सिंह के मुम्बई के दोनों घर के दरवाजों पर proclaimed offender (घोषित अपराधी) का नोटिस चिपकाया था.23 नवंबर को चस्पा किए गए इस नोटिस में परमबीर सिंह को 30 दिन के भीतर जांच एजेंसी या फिर अदालत के सामने हाजिर होने को कहा गया था. इससे पहले परमबीर सिंह के वकील ने पूर्व पुलिस कमिश्नर के देश छोड़कर भागने के आरोपों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वो देश में ही हैं और उनकी जान को खतरा है इसलिए छुपे हुए हैं. परमबीर सिंह के वकील ने 48 घन्टे के भीतर जांच में शामिल होने का दावा भी किया था. परमबीर की अर्जी पर उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है.
परमबीर सिंह पर जबरन उगाही करने के आरोप हैं. 22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था. ये भी आरोप हैं कि उन्होंने शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की.
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