कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न संकट को देखते हुये भारत के औषधि नियामक ने अस्पताल में भर्ती COVID-19 रोगियों पर अमेरिका की फार्मा कंपनी गिलेड साइंसेज को उसकी विषाणु निरोधक दवा रेमेडीसिविर के 'प्रतिबंधित आपातकालीन इस्तेमाल' को लेकर मार्केटिंग की अनुमति दे दी है. इससे संबंधित एक सूत्र ने प्रेट्र को बताया कि कोरोना वायरस महामारी के आलोक में आपात स्थिति एवं दवा की जरूरतों को देखते हुए रेमेडीसिविर की मंजूरी की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. सूत्रों ने बताया कि इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी प्रतिबंधित आपातकालीन इस्तेमाल के लिए दी गई है. यह अधिकतम पांच दिन की अवधि के लिए है.
उन्होंने बताया कि इसका इस्तेमाल ऐसे वयस्कों एवं बच्चों के इलाज पर किया जाएगा जो संदिग्ध रूप में अथवा संक्रमण की पुष्टि के बाद अस्पताल में भर्ती हैं और जिनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण हैं. उन्होंने बताया, 'इंजेक्शन के सहारे दी जाने वाली इस दवा को अस्पताल एवं संस्थाओं के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है जिसे विशेषज्ञों के पर्चे पर खुदरा लिया जा सकेगा.' सूत्रों ने बताया, 'इसे दस दिन की बजाए अधिकतम पांच दिन की अवधि के लिए मंजूर किया गया है क्योंकि अनुमोदन के समय प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर इसके विस्तारित इस्तेमाल का कोई लाभकारी प्रभाव नहीं देखा गया है.'
उन्होंने बताया, 'नई औषधि एवं क्लिनिकल ट्रायल नियम 2019 के तहत विशेष प्रावधान ला कर दवा को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है, जिसके तहत विशेष परिस्थितियों में क्लिनिकल ट्रायल से छूट का प्रावधान है. गिलेड साइंसेज ने 29 मई को भारत में दवा के विपणन अधिकार के लिए आवेदन दिया था. इस दवा को COVID-19 के संभावित उपचार के तौर पर देखा जा रहा है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विशेषज्ञों की समिति से सलाह मशविरे के बाद इस दवा को मंजूरी दी गई है.
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