
Mutated Coronavirus Strain: कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से एक बार फिर चर्चा तेज हो रही है. इस महामारी की नई लहर कोरोना वायरस के दो नए वेरिएंट, NB.1.8.1 और LF.7 की वजह से आई है, जो ओमिक्रॉन JN.1 वेरिएंट के म्यूटेशन हैं. देशभर में हर दिन कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं और गंभीर मामलों में लोगों की इससे मौत भी हो रही है. यह वायरस नए-नए वेरिएंट बनाता रहता है, इसलिए ये बार-बार लौट के आता है.
दूसरे वायरस की तरह कोविड भी म्यूटेट करता और अब तक आप इसके कई वेरिएंट देखे जा चुके हैं. क्या म्यूटेट वायरस ज्यादा खतरनाक होते हैं? क्या नए वैरिएंट से हमें पहले के मुकाबले ज्यादा डरने की जरूरत है, ये सभी बातें जानने के लिए हमने ने बात की डॉक्टर संदीप नायर (Sandeep Nair) से, चलिए जानते हैं उन्होंने इस विषय पर क्या कहा.
यह भी पढ़ें: क्या कोविड होने के बाद लंबे समय तक रहता है जुकाम, गला खराब? जानिए क्या है लॉन्ग COVID और इसके लक्षण
क्या म्यूटेट वायरस ज्यादा स्ट्रॉन्ग होते हैं?
डॉक्टर संदीप नायर ने समझाया कि कई बार हम वायरस को खत्म करने में कामयाब हो जाते हैं. जैसे स्मॉल पॉक्स वायरस एक समय बहुत खतरनाक था लेकिन उसको हमने खत्म कर दिया, पोलियो वायरस को भी हमने काफी हद तक खत्म कर दिया है. हम वायरस को खत्म करने की कोशिश करते हैं लेकिन एक खत्म होता है, तो दूसरा आ जाता है. कोई ना कोई वायरस आता रहता है.
उन्होंने कहा कि वायरस जिंदा रहने के लिए नए नए वेरिएंट बनाता है लेकिन उसकी इनफेक्टिविटी कम होती है. यानी कि उनके सिम्टम्स उतने सीवियर नहीं होते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जैसे डेल्टा से कंपेयर करें तो ओमिक्रोन की सीवियरिटी कम हो गई है. सीवियरटी यानी गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि म्यूटेशन कौन सा है और यह कहां हुआ है.
Watch Video: कोविड-19: क्या महामारी आ रही है, फिर लगेगा 'Lockdown'? | Coronavirus Cases in India
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं