- बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी ने समीक्षा बैठक बुलाई थी
- बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस मुख्यालय में दो नेताओं के बीच गाली-गलौज और गोली मारने की धमकी दी गई.
- संजीव सिंह और जीतेंद्र यादव के बीच टिकट वितरण को लेकर विवाद बढ़ा और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई
बिहार चुनाव में हुई करारी हार की समीक्षा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी ने प्रदेश के पार्टी के सभी उम्मीदवारों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई लेकिन इसके शुरू होने से पहले ही कांग्रेस मुख्यालय के अंदर दो नेताओं के बीच गाली–गलौज हो गई. बात इतनी आगे बढ़ गई कि एक ने दूसरे को गोली मारने की धमकी दे डाली. हालांकि बाक़ी नेताओं में आनन-फानन में बीच बचाव कर स्थिति को संभाला.
सूत्रों के मुताबिक बिहार कांग्रेस ने नेता दोपहर तीन बजे से पहले कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में निर्धारित जगह पर इकट्ठे हो कर राहुल गांधी और खरगे का इंतजार कर रहे थे. सभी नेता आपस में बातचीत कर रहे थे इसी दौरान वैशाली से उम्मीदवार रहे संजीव सिंह ने चुनाव में बाहरी उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के ख़िलाफ़ बोलना शुरू किया. चुनाव से कुछ समय पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए पूर्णिया से उम्मीदवार जीतेंद्र यादव ने इस पर आपत्ति जताई. इसपर संजीव सिंह ने कहा कि मैं बीस सालों से पार्टी में सक्रिय हूँ लेकिन आपको नहीं पहचानता! यही से दोनों में बहस शुरू हो गई जिसने गाली–गलौज का रूप ले लिया. इसके बाद बात इतनी बिगड़ गई कि संजीव सिंह ने हाथों से इशारा करते हुए जितेंद्र यादव से कहा कि मुँह बंद रखो नहीं तो गोली मार दूंगा.
स्थिति नियंत्रण से बाहर होता देख अन्य नेताओं ने बीच बचाव किया. बाद में जब राहुल और खरगे को इसकी जानकारी हुई तो वो नाराज हुए. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने दस–दस के समूह में पार्टी उम्मीदवारों से मुलाक़ात की. बैठक के अंदर से "गोली-गाली" की ख़बर सामने आने पर संजीव सिंह ने इन बातों का खंडन किया. हालांकि जितेन्द्र यादव ने एनडीटीवी को इस बात की पुष्टि की.
इस विवाद को लेकर जब बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू से सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि उनके सामने ऐसा कुछ नहीं हुआ! कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस मामले को ज़्यादा तूल देने के मूड में नहीं है. क़रीब चार घंटे तक चली समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस ने चुनाव के दौरान महिलाओं और बुजुर्गों के खातों में जमा हुई सरकारी राशि को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए. बैठक में कई नेताओं ने हार की जिम्मेदारी तय किए जाने की मांग की.
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने माना कि कांग्रेस की रणनीति में कमी रही लेकिन उन्होंने पार्टी नेताओं से भविष्य की रणनीति पर काम करने की अपील की.बिहार चुनाव के दौरान भी प्रदेश कांग्रेस में बवाल मचा रहा. प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के ख़िलाफ़ कुछ नेताओं ने धरना प्रदर्शन तक किया. अब करारी हार के बाद समीक्षा बैठक में भी नेता आपस में "गोली-गाली" के स्तर पर पहुँच गए!
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