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कांग्रेस-AAP के बीच बन गई बात! जानिए हरियाणा में कितनी सीटों पर लड़ेगी केजरीवाल की पार्टी

राघव चड्ढा ने कहा कि नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है. सीट शेयरिंग को लेकर अगर हम सहमत नहीं होते हैं या जीत की स्थिति नहीं बनती है, तो हम इसे छोड़ देंगे.  उन्होंने कहा, "जल्द ही मीडिया के सामने आएंगे और एक अच्छी खबर देंगे."

नई दिल्ली:

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि दोनों ही दल अब तक अंतिम निर्णय के हालत में नहीं पहुंचे हैं. चर्चा है कि आम आदमी पार्टी को कांग्रेस हरियाणा में 5 सीटें दे सकती है. कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत करने वाले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शायराना अंदाज में कहा कि आरजू भी है, हसरत भी है और उम्मीद भी है...

5 सीटों पर समझौते की संभावना
सूत्रों की तरफ से ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी को 5 सीट देने के लिए तैयार हो गयी है और आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इसे लेकर लगभग सहमति बन गयी है. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी पहले 10 सीटें मांग रही थी हालांकि बाद में चर्चा थी की आप 7 सीटों पर मान जाएगी. हालांकि अब चर्चा 5 सीटों को लेकर हो रही है. सूत्रों के अनुसार दोनों ही दलों के बीच काफी सकारात्मक बातचीत चल रही है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने हरियाणा, दिल्ली, गोवा और गुजरात में मिलकर चुनाव लड़ा था. 

राघव चड्ढा ने कहा, "मैं व्यक्तिगत बयान या किसी खास सीट को लेकर कोई बयान नहीं देना चाहता. मैं इतना बता सकता हूं कि दोनों पार्टियों की एक इच्छा है, एक चाहत है, और गठबंधन की उम्मीद है। सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है."

जल्द ही एक अच्छी खबर देंगे: राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने कहा कि नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है. सीट शेयरिंग को लेकर अगर हम सहमत नहीं होते हैं या जीत की स्थिति नहीं बनती है, तो हम इसे छोड़ देंगे.  उन्होंने कहा, "जल्द ही मीडिया के सामने आएंगे और एक अच्छी खबर देंगे."

कांग्रेस की तरफ से भी गठबंधन को लेकर अच्छे संकेत
गठबंधन को लेकर कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी यही बात दोहराई और कहा कि यह केवल कुछ दिनों की बात है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुझे यह जिम्मेदारी दी है, और पिछले दो दिनों में राघव चड्ढा के साथ यह मेरी दूसरी या तीसरी मुलाकात थी. हम स्थानों और संख्याओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं, और हमें उम्मीद है कि परिणाम दो दिनों में सामने आ जाएंगे. यह निर्भर करता है; यदि यह कांग्रेस और आप दोनों के लिए जीत की स्थिति होगी, फिर हम गठबंधन में जाएंगे. मैं इसके लिए प्रयास कर रहा हूं. बाबरिया ने यह भी कहा कि पहले से घोषित उम्मीदवारों के नामों में भी बदलाव हो सकता है. 

कलायत विधानसभा सीट पर फंस रहा है पेंच
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सीटों की संख्या पर समझौता करने के लिए 'AAP' नेता तैयार हैं. लेकिन कलायत जैसे विधानसभा क्षेत्रों को लेकर AAP अड़ी है. इस पर समझौता नहीं हो सकता है.आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र में कम से कम एक सीट मांग रही है. पसंदीदा सीटें न मिलने और गठबंधन न होने की स्थिति में AAP का प्लान-B भी तैयार है. आप की नजर अपने उम्मीदवारों के अलावा कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर है.गठबंधन विफल होने की स्थिति में दोनों पार्टियों के बागियों सहित उम्मीदवारों की सूची जारी करना शुरू करेगी. हालांकि, आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाओं से किसे लाभ होगा, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.

AAP में उठ चुके हैं विरोध के भी स्वर
आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती ने गठबंधन के खिलाफ बयान दिया था. उन्होंने लिखा था कि "हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन पर मुहर लगने से पहले आम आदमी पार्टी को मूल्यांकन करना चाहिए क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में ऐसा ही गठबंधन किया गया था."

सोमनाथ भारती ने लिखा, "मेरे राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए, वहीं आप के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. लेकिन आप उम्मीदवारों, खासकर मुझे, दिल्ली कांग्रेस और स्थानीय नेताओं से बिल्कुल भी समर्थन नहीं मिला. दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सरदार अरविंदर सिंह लवली समेत कई कांग्रेसी नेता चुनाव प्रचार के बीच में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए."
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उन्होंने आगे लिखा, "वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने मिलने से भी इनकार कर दिया, मालवीय नगर से जितेन्द्र कोचर जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसे के लिए भाजपा के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. हमारे संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में मजबूत करने के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे के तरफ से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था."

बताते चलें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने एक अक्टूबर को मतदान कराने की घोषणा की थी, जिसके नतीजे चार अक्टूबर को आने वाले थे. हालांकि, अब 5 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.

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