- उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो एयरलाइंस संकट के बाद अचानक बढ़े हवाई किराए पर नियंत्रण के लिए फेयर कैप लागू किया है.
- मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को नई किराया सीमा का पालन करने का आदेश दिया है,
- यह नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक स्थिति सामान्य न हो.
हवाई यात्रा के दौरान अचानक बढ़ते किराए की शिकायतों पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने कड़ा रुख अपनाया है. इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशनल संकट के बीच कुछ एयरलाइंस द्वारा असामान्य रूप से ऊंचे किराए वसूलने की खबरों पर सरकार ने गंभीर नोटिस लिया है.
यात्रियों को महंगे टिकटों से बचाने के लिए मंत्रालय ने सभी प्रभावित रूटों पर किराया सीमा (फेयर कैप) लागू कर दी है. मंत्रालय के अनुसार, यह कदम यात्रियों को किसी भी तरह की अवसरवादी कीमतों में बढ़ोतरी से बचाने के लिए उठाया गया है. एक आधिकारिक निर्देश जारी कर सभी एयरलाइंस को नई तय की गई किराया सीमा का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया गया है. ये नियम तब तक लागू रहेंगे, जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती.
.@MoCA_GoI Action on IndiGo Operational Crisis - Air Fare Regulation
— PIB India (@PIB_India) December 6, 2025
💠 The Ministry of Civil Aviation has taken serious note of concerns regarding unusually high airfares being charged by certain airlines during the ongoing disruption. In order to protect passengers from any…
संकट में फंसे यात्रियों का शोषण रोकना है मकसद
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस निर्देश का उद्देश्य बाजार में कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखना, संकट में फंसे यात्रियों का शोषण रोकना और विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों तथा मरीजों जैसे जरूरतमंदों को वित्तीय परेशानी से बचाना है.
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मंत्रालय करेगा रीयल-टाइम मॉनिटरिंग
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आपातकालीन यात्रा करने वाले नागरिकों को इस दौरान किसी भी तरह की आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़े. मंत्रालय अब एयरफेयर पर रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा, जिसमें एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स से डेटा का उपयोग किया जाएगा. यदि कोई एयरलाइन निर्धारित नियमों का उल्लंघन करती पाई गई, तो उसके खिलाफ तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी. PIB के एक्स पोस्ट में इसकी पुष्टि करते हुए कहा गया, 'MoCA फेयर लेवल्स पर करीब से नजर रखेगा और किसी भी विचलन पर तत्काल एक्शन लेगा.'
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Indigo संकट के बीच सरकार का अहम फैसला
बताते चलें कि यह फैसला इंडिगो के हालिया ऑपरेशनल इश्यूज के बाद आया है, जहां हजारों उड़ानें प्रभावित हुईं और यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था में भारी किराए चुकाने पड़े. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम एयरलाइन इंडस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ाएगा और यात्रियों के हितों की रक्षा करेगा.
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