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This Article is From Apr 25, 2023

"नीतीश सरकार का ये फैसला न्याय से वंचित करने के समान": आनंद मोहन की रिहाई पर IAS एसोसिएशन

आनंद मोहन सिंह की रिहाई पर आईएएस एसोसिएशन ने कहा- "ऐसे फैसले से ही लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है. हम राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करें."

"नीतीश सरकार का ये फैसला न्याय से वंचित करने के समान": आनंद मोहन की रिहाई पर IAS एसोसिएशन
आनंद मोहन सिंह को बीते 6 महीने में तीसरी बार मिली थी पैरोल.
नई दिल्ली:

बिहार में आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की पीट-पीटकर हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई को लेकर सियासत शुरू हो गई है. नीतीश सरकार ने जेल में कथित तौर पर अच्छे बर्ताव के लिए आनंद मोहन को रिहा करने का फैसला किया है. इसके लिए बकायदा जेल मैनुअल में बदलाव भी किए गए हैं. इसके बाद आनंद मोहन समेत 27 लोगों को सोमवार को रिहाई के आदेश जारी कर दिए गए. आनंद मोहन को रिहा किए जाने के फैसले पर आईएएस एसोसिएशन ने प्रतिक्रिया दी है. आईएएस एसोसिएशन ने बिहार सरकार की निंदा करते हुए कहा कि ये फैसला सही नहीं है. 

आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट किया- "आनंद मोहन को रिहा किए जाने का फैसला बहुत ही निराश करने वाला है. उन्होंने जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी. ऐसे में यह दुखद है. बिहार सरकार जल्दी से जल्दी फैसला वापस लें. ऐसा नहीं होता तो ये न्याय से वंचित करने के समान है." एसोसिएशन ने कहा- "ऐसे फैसले से ही लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है. हम राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करें." 

बेटे की सगाई के लिए मिली थी पैरोल 
बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का यह आदेश उनके बेटे की सगाई के दिन आया. वह सगाई के लिए ही 15 दिन की पैरोल पर बाहर थे. मंगलवार को पैरोल खत्म होने पर सहरसा जेल जाएंगे. जेल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वे बुधवार को बाहर आ जाएंगे. आनंद मोहन पर 3 और केस चल रहे हैं. इनमें उन्हें पहले से बेल मिल चुकी है.

4 दिसंबर 1994 को हुई थी आईएएस अधिकारी की हत्या
तेलंगाना में जन्मे आईएएस अधिकारी कृष्णैया अनुसुचित जाति से थे. वह बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे और 4 दिसंबर 1994 जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे. तभी भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. हत्या की घटना के वक्त आनंद मोहन मौके पर मौजूद थे, जहां वह दुर्दांत गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा में शामिल हो रहे थे. शुक्ला की मुजफ्फरपुर शहर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इसी हत्याकांड में आनंद मोहन को सजा हुई है.


गिरिराज सिंह ने आनंद को बताया 'बेचारा'
आनंद मोहन की रिहाई पर बेगूसराय से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह कहा, "बेचारे आनंद मोहन काफी समय तक जेल में रहे. उन्हें बलि का बकरा बनाया गया था. उनकी आड़ में जितने लोगों को छोड़ा गया है, समाज को सब पता है. आनंद मोहन की आड़ में सरकार ने काम किया है, समाज कभी नहीं माफ करेगा."

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