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12 करोड़ की ठगी, 7 साल से थी फरार...सीबीआई के हत्‍थे चढ़ी बैंक फ्रॉड की आरोपी नसरीन ताज

CBI ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए करीब 7 साल से फरार चल रही नसीरिन ताज को गिरफ्तार कर लिया है. नसीरिन ताज पर 12.63 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है.

12 करोड़ की ठगी, 7 साल से थी फरार...सीबीआई के हत्‍थे चढ़ी बैंक फ्रॉड की आरोपी नसरीन ताज
  • सीबीआई ने करीब सात साल से फरार नसीरिन ताज को बैंक धोखाधड़ी के मामले में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है.
  • नसीरिन ताज पर 12.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों से लोन लिया गया था.
  • आरोप है कि नसीरिन ने खेती के नाम पर लिए गए लोन का इस्तेमाल पुराने कर्ज चुकाने में किया था.
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CBI ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए करीब 7 साल से फरार चल रही नसरीन ताज को गिरफ्तार कर लिया है. नसरीन ताज पर 12.63 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है. वह बेंगलुरु में अपना नाम बदलकर 'सलमा' बनकर रह रही थी और सबको अपनी असली पहचान से दूर रखे हुए थी. ये मामला साल 2009 का है. कर्नाटक के मंड्या जिले में सिंडिकेट बैंक की एक ब्रांच से फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों का लोन लिया गया. इसमें बैंक के तत्कालीन मैनेजर असदुल्लाह खान, जो नसरीन ताज के पति हैं, और कई और लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. 

खेती के नाम पर लिया लोन 

नसरीन पर आरोप है कि उसने अपने पति और बाकी लोगों के साथ मिलकर बैंक को चूना लगाया. उसने करीब 1.2 करोड़ का ओवरड्राफ्ट और 55 लाख का खेती के नाम पर लोन लिया लेकिन उस पैसे का इस्तेमाल खेती के लिए नहीं किया गया. उल्टा, उसी पैसे से पुराना कर्ज चुकाया गया  जो सीधे-सीधे धोखाधड़ी का मामला बनता है. CBI ने 2010 में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी, लेकिन नसरीन 2019 से गायब हो गई थी. उस पर कई बार गैर-जमानती वारंट जारी हुए, यहां तक कि कोर्ट ने घोषणा पत्र और संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दे दिया था.  

लगातार हो रही थी तलाश 

CBI के अफसर लगातार उसकी तलाश में लगे थे. बताया गया है कि नसरीन ने अपने पति और परिवार से भी दूरी बना ली थी. वह जगह-जगह ठिकाने बदलती रही और सलमा नाम से नई जिंदगी शुरू कर दी थी. CBI ने नई टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रैकिंग टूल्स की मदद से उसकी पहचान और लोकेशन ढूंढ निकाली. फील्ड टीम की मदद से उसे 19 जुलाई को बेंगलुरु में धर दबोचा गया. अब उसे कोर्ट में पेश किया गया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. ये पूरा मामला इस बात की मिसाल है कि अगर पुलिस और एजेंसियां ठान लें, तो सालों से गायब आरोपी को भी ढूंढ निकाला जा सकता है चाहे वो कितनी भी चालाकी से छिपा हो. 

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