ED,CBI निदेशकों का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने के केंद्र के अध्यादेश का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा है. अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है. याचिका में अध्यादेश को रद्द करने की मांग की गई है. ये याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की है इसमें कहा गया है कि केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक, मनमाना और संविधान के साथ धोखाधड़ी है. सदन में बहुमत के बिना सरकार को कोई अध्यादेश जारी करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है.
दरअसल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा रविवार को हस्ताक्षरित दो अध्यादेशों में CBI और ED निदेशकों के कार्यकाल को लगभग पांच साल तक बढ़ा दिया गया है. दोनों पदों का फिलहाल दो साल का निश्चित कार्यकाल है. दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना ( DSPE) अधिनियम और केंद्रीय सतर्कता आयोग ( CVC) अधिनियम में संशोधन किया गया है ताकि सरकार को दो साल के कार्यकाल पूरा करने के बाद दोनों प्रमुखों को एक साल के लिए अपने पदों पर रखने की शक्ति मिल सके और संशोधन के मुताबिक यह एक साल का विस्तार तब तक दिया जा सकता है जब तक कि अधिकारी एजेंसियों के प्रमुख के रूप में पांच साल पूरे नहीं कर लेते. CBI DSPE अधिनियम द्वारा शासित है; सीवीसी अधिनियम ED निदेशक के पद का कार्यकाल निर्धारित करता है .
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