बायजू का पतन : एक साल में 22 बिलियन से 3 बिलियन डॉलर से भी कम 

कोविड महामारी के दौरान तेजी से विस्तार के बाद, बायजू कैश फ्लो की समस्याओं से जूझ रहा है और 1.2 बिलियन डॉलर के ऋण को लेकर लेनदारों के साथ विवाद में उलझा हुआ है. 

बायजू का पतन : एक साल में 22 बिलियन से 3 बिलियन डॉलर से भी कम 

लेटेस्ट खुलासा, प्रोसस अर्निंग कॉल के दौरान अंतरिम सीईओ एर्विन तू द्वारा किया गया. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

बायजू को एक और झटका देते हुए, तकनीकी निवेशक प्रोसस ने एडटेक स्टार्टअप का वैल्युएशन को घटाकर 3 बिलियन डॉलर से कम कर दिया, जो पिछले साल के 22 बिलियन डॉलर के उच्चतम वैल्युएशन से 86 प्रतिशत कम है. कोविड महामारी के दौरान तेजी से विस्तार के बाद, बायजू कैश फ्लो की समस्याओं से जूझ रहा है और 1.2 बिलियन डॉलर के ऋण को लेकर लेनदारों के साथ विवाद में उलझा हुआ है. 

पिछले साल के दौरान, प्रोसस और ब्लैकरॉक सहित शेयरधारकों ने बायजू के मूल्यांकन में क्रमिक रूप से मार्च में 11 बिलियन डॉलर, मई में 8 बिलियन डॉलर और जून में 5 बिलियन डॉलर की कटौती की है.

लेटेस्ट खुलासा, प्रोसस अर्निंग कॉल के दौरान अंतरिम सीईओ एर्विन तू द्वारा किया गया. ये स्टार्टअप द्वारा ₹ 2,250 करोड़ के नुकसान की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद आया. बायजू ने अपने 2021/22 के वित्तीय नतीजे दाखिल करने में लगभग एक साल की देरी की, जिसके कारण ऑडिटर डेलॉइट और तीन बोर्ड सदस्यों को पद छोड़ना पड़ा. इसके मुख्य वित्तीय अधिकारी और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी ने भी पिछले सप्ताह पद छोड़ दिया है. 

परिणाम इस बात को रेखांकित करते हैं कि कैसे बायजू - जो एक समय भारत की उभरती स्टार्टअप अर्थव्यवस्था का पोस्टर चाइल्ड था - कोविड के बाद की स्थिति से बचने के लिए संघर्ष कर रहा है. 1.2 बिलियन डॉलर के ऋण पर अनुबंध का उल्लंघन करने के बाद लेनदारों ने इस साल बायजू पर मुकदमा दायर किया. इस गतिरोध ने संस्थापक बायजू रवीन्द्रन पर प्रकाश डाला, जिनकी ट्यूटर से लेकर देश के सबसे मूल्यवान तकनीकी स्टार्टअप के प्रमुख तक की जबरदस्त वृद्धि ने निवेशकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

स्कूलों और विश्वविद्यालयों के बंद होने के बाद कंपनी ने कोविड-महामारी के दौरान भारी खर्च किया. इसने न केवल भारत में बल्कि अमेरिका में भी कई एडटेक स्टार्टअप का अधिग्रहण किया, क्योंकि इसने तेजी से विस्तार करने की कोशिश की.

लेकिन सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू होने के बाद से विकास धीमा हो गया है, और महीनों से चले आ रहे कानूनी विवाद के कारण कंपनी की चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं, जो और तेज होने के संकेत दे रही हैं. 

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