- आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक निजी बस में अचानक आग लगने से 19 लोगों की मौत हो गई.
- यात्री जयंत कुशवाहा सीट नंबर यू-7 पर बैठे थे और हादसे से बच निकले थे.
- जयंत कुशवाहा ने बताया कि आग बस के फ्रंट और बैक हिस्सों में लगी थी और हादसे के समय अधिकांश यात्री सो रहे थे.
हर तरफ धुआं-धुआं था. चारों ओर चीख-पुकार मची हुई थी. फ्रंट और बैक में आग दिखने लगी थी. केवल दो-तीन लोग ही जगे थे. हमने शोर मचाना शुरू किया. निकलने की कोशिश करने लगे... बेंगलुरु-हैदराबाद राष्टीय राजमार्ग पर हुई एक मनहूस बस के यात्री की ये कहानी, उस खतरनाक हादसे का मंजर बता रहा है. इस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई है. पर सीट नंबर यू-7 पर बैठे जयंत कुशवाहा भाग्यशाली निकले. मौत उन्हें छूकर निकल गई. हादसे का भयानक मंजर बयां करते हुए उन्होंने बताया कि हमलोग बस किसी तरह बस से निकल पाए. मेन गेट तक बंद हो गया था.
#WATCH | Kurnool, Andhra Pradesh | A passenger who was travelling in the bus that caught fire, says, "...Around 2.30-2.40 am, the bus stopped and I woke up and I saw that the bus caught fire...Everyone in the bus was sleeping. We woke everyone...We broke the emergency window as… pic.twitter.com/W1rCL6ZoKp
— ANI (@ANI) October 24, 2025
कुशवाहा ने बताया वो खतरनाक मंजर
कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बस में आग तड़के करीब 2.30- 2.40 के करीब लगी थी. उन्होंने बताया कि इसी समय मुझे लगा कि बस का एक्सीडेंट हुआ है. फिर बाहर की तरफ नजर घुमाई तो आग लगी हुई दिखी. कुशवाहा ने बताया कि आग बस के फ्रंट साइड और बैक में लगी हुई थी. इस दौरान सबलोग सो रहे थे. केवल दो-तीन लोग ही उठे हुए थे. बस में हम लोगों ने फिर कुछ लोगों को जगाया. उन्होंने बताया कि हमलोग आगे निकलने की कोशिश कर रहे थे, पर मेन डोर लॉक हो चुका था.
सीट नंबर यू-7 पर थे कुशवाहा
कुशवाहा ने बताया कि वो बस के मिडिल में सीट नंबर यू-7 पर बैठे हुए थे. उन्होंने बताया कि जब बीच वाला विंडो खोलने की कोशिश की तो वो भी नहीं खुल रहा था. उन्होंने बताया कि इसके बाद हमलोगों ने पीछे की विंडो तोड़ने के लिए पूरी ताकत लगा दी. कांच की खिड़की को पंच मारा, किक मारा, धक्का दिया तो वो टूटा. बस के अंदर काफी धुआं आ रहा था. आग तेजी से फैल रही थी. हमलोग शीशा टूटते ही ऊपर से कूदने लगे. कुछ सोचा नहीं, बस कूद गया. कोई सिर के बल गिरा तो कोई पीठ के बल. कुशवाहा ने बताया कि करीब 11 लोग पीछे से निकले. इसके बाद 4-5 लोग चालक की तरफ से निकले. उन्होंने बताया कि अगर हमलोग विंडो नहीं तोड़ते तो फंस जाते.
एक पुलिस अधिकारी ने फायर ब्रिगेड को बुलाया
कुशवाहा ने बताया कि जब वो निकले तो उन्होंने देखा कि एक एएसपी या इंस्पेक्टर रैंक की अधिकारी ने तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन करके बुलाया. तब फायर ब्रिगेड आई फिर पुलिस भी आई. कुछ लोगों यहां से बेंगलुरु चले गए. कुछ लोगों को हैदराबाद के प्राइवेट अस्पताल में भेजा गया.
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