- आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हाइवे पर भीषण बस अग्निकांड में 20 की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है
- लग्जरी स्लीपर बस हाईवे पर बाइक को करीब 200 मीटर घसीटते ले गई थी, जिसने बस को आग के गोले में बदल दिया
- अब पता चला है कि बाइक सवार की हादसे में पहले ही मौत हो गई थी, लेकिन किसी ने भी रुककर मदद नहीं की थी
आंध्र प्रदेश के कुरनूल में तीन हफ्ते पहले भीषण बस हादसे में 20 लोगों की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पहले माना जा रहा था कि 24 अक्टूबर को हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर लग्जरी स्लीपर बस ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी, जिसमें बाइक सवार की तुरंत मौत हो गई थी. उसकी बाइक को बस करीब 200 मीटर घसीटते ले गई थी, जिससे उठी चिंगारी ने बस को आग के गोले में बदल दिया था.
बस हादसे से पहले ही बाइक का एक्सीडेंट हुआ
अब घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज और फरेंसिक जांच से खुलासा हुआ है कि बस हादसे से पहले ही बाइक सवार शिवा शंकर (21) की मौत हो चुकी थी. उसकी क्षतिग्रस्त बाइक सड़क पर पड़ी थी. कुरनूल के एसपी विक्रांत पाटिल ने बताया कि शिवा शंकर की बाइक डिवाइडर से टकराकर फिसल गई थी. इसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. उसके साथी एरी स्वामी ने कोशिश करके डेडबॉडी को सड़क के बीच से हटा लिया था, लेकिन टूटी बाइक को नहीं हटा पाया.
लोग अनदेखा कर गुजरते रहे, नहीं की मदद
स्वामी ने पुलिस उस हादसे की एक दर्दनाक बात ये भी बताई कि एक्सीडेंट होने के बाद कई वाहन वहां से गुजरे, लेकिन किसी ने भी रुककर मदद नहीं की. लोग अपने वाहनों को रोड पर पड़ी बाइक से बचाते हुए निकल गए, लेकिन कोई भी रुककर मदद के लिए आगे नहीं आया. स्वामी ने बताया था कि कावेरी ट्रैवल्स की बस के आने से पहले दो और बस वहां से गुजरी थीं और क्षतिग्रस्त बाइक से बचते हुए निकल गई थीं.
बाइक को 200 मीटर घसीटते ले गई थी बस
हादसे की शिकार हुई कावेरी ट्रैवल्स की बस करीब 80-90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी. उसका ड्राइवर रोड पर पड़ी बाइक से बस को नहीं बचा पाया और उसे करीब 200 मीटर तक घसीटते हुए ले गया. इस दौरान बाइक का पेट्रोल फैल गया और घिसटने से निकली चिंगारी ने आग पकड़ ली, जिसकी चपेट में पूरी स्लीपर बस आ गई. उसमें सवार लोगों को बचने तक का मौका नहीं मिला.
बस ड्राइवर पर गंभीर लापरवाही का आरोप
पहले माना जा रहा था कि यह बस हादसा बाइक सवार की लापरवाही से हुआ था, जो शायद नशे में था. लेकिन नए सबूतों के बाद पुलिस जांच का फोकस बदलकर बस ड्राइवर लक्ष्मैया की लापरवाही और हाईवे पर इंसानी संवेदनहीनता की तरफ हो गया है. सवाल है कि बाइक से टकराने के बाद भी ड्राइवर ने बस को क्यों नहीं रोका था. अगर वह बस को रोक लेता तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता.
अवैध रूप से स्लीपर कोच बनाई गई थी बस
पुलिस कावेरी ट्रैवल्स की बस को अवैध रूप से स्लीपर कोच में बदलने को लेकर पहले से जांच कर रही है. बताया गया है कि बस का इमरजेंसी दरवाजा काम नहीं कर रहा था, जिससे आग लगने के बाद लोग बाहर नहीं निकल पाए. बस में मोबाइल फोन की बड़ी खेप भी रखी थी. माना जा रहा है कि आग लगने पर फोन की बैटरियों ने लपटों को और भड़का दिया था. पुलिस कंपनी और उसके मालिक पर कॉर्पोरेट लापरवाही के आरोपों की भी जांच कर रही है.
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