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This Article is From Jan 16, 2024

बसपा का अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए ‘झटका’

बसपा की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी लेकिन चुनाव के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को उचित भागीदारी के साथ समर्थन देगी. 

बसपा का अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए ‘झटका’
मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी 24 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी.
नई दिल्‍ली :

बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) की आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) अकेले लड़ने की घोषणा हिंदी पट्टी के सर्वाधिक सीट वाले राज्य उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है. आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस (वाईएसआरसीपी), तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और ओडिशा में बीजू जनता दल (बीदज) जैसे अन्य क्षेत्रीय दल भी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे और इन राज्यों में इन दलों को तीसरी ताकत के रूप में देखा जा रहा है. कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) ने पहले ही लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ जाने का फैसला कर लिया है.

बसपा की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने 68वें जन्मदिन पर सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी लेकिन चुनाव के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को उचित भागीदारी के साथ समर्थन देगी. 

मायावती ने उनके राजनीति से संन्यास लेने की खबरों को आधारहीन बताते हुए कहा ‘‘मैं अंतिम सांस तक पार्टी को मजबूत करती रहूंगी.''

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी चुनाव के पहले किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी लेकिन चुनाव के बाद स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्यों की सरकारों में अपनी उचित भागीदारी के आधार पर शामिल भी हो सकती है.

सूत्रों ने कहा कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने समाजवादी पार्टी के विरोध के बावजूद खुले तौर पर मायावती की बसपा को ‘इंडिया' गठबंधन में शामिल करने का आह्वान किया था और अनौपचारिक बातचीत भी चल रही थी.

तीसरी ताकत उभरने से भाजपा को होगा फायदा !

कांग्रेस ने पिछले साल फरवरी में अपने रायपुर अधिवेशन के घोषणापत्र में कहा था कि ‘‘किसी तीसरी ताकत के उभरने से भाजपा/राजग को फायदा होगा'' और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से वैचारिक आधार पर मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकजुटता की तत्काल आवश्यकता है.

बसपा नेतृत्‍व से संपर्क से कांग्रेस का इनकार 

कांग्रेस ने इस बात से इनकार किया है कि उसका कोई भी नेता बसपा नेतृत्व के संपर्क में था. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि बसपा के साथ अनौपचारिक बातचीत चल रही थी. पिछले हफ्ते, कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने कहा था कि बसपा को ‘इंडिया' गठबंधन में शामिल होने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

बसपा ने लोकसभा में जीती थीं 10 सीटें 

सपा और बसपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर मिलकर लड़ा था और अमेठी और रायबरेली सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे. तब उत्तर प्रदेश में ‘महागठबंधन' के तहत बसपा ने जहां 10 सीटें जीती थीं, वहीं सपा ने पांच सीटें जीती थीं.

भाजपा का विपक्षी गठबंधन पर तंज 

भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मायावती जी ने दुर्घटनाग्रस्त हो रहे विमान ‘इंडि' (इंडिया गठबंधन) पर सवार होने से इनकार कर दिया है, जिसके पायलट आंखों पर पट्टी बांधकर उड़ान भर रहे हैं.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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