बॉम्बे HC ने महाराष्ट्र पुलिस को 'आतंकवादियों' को एक खास समुदाय से संबंधित दिखाने वाले मॉक ड्रिल को करने से रोका

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इस तरह के मॉक ड्रिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रह को दिखाते हैं और यह संदेश देते हैं कि आतंकवादी केवल एक विशेष धर्म के होते हैं.

बॉम्बे HC ने महाराष्ट्र पुलिस को 'आतंकवादियों' को एक खास समुदाय से संबंधित दिखाने वाले मॉक ड्रिल को करने से रोका

(फाइल फोटो)

मुंबई:

बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद बेंच ने अपने एक अंतरिम आदेश में महाराष्ट्र पुलिस को मॉक ड्रिल करने से रोक दिया है जिसमें आतंकवादियों की भूमिका निभाने वाले कर्मियों को एक विशेष समुदाय से जुड़े लोगों के रूप में दिखाया जाता है. मालूम हो कि आतंकी हमलों सहित विभिन्न प्रकार की इमरजेंसी से निपटने के लिए पुलिस की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए पुलिस द्वारा इस तरह के मॉक ड्रिल किए जाते हैं. 

उच्च न्यायालय सामाजिक कार्यकर्ता सैयद उसामा द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे मॉक ड्रिल में वेश-भूषा और नारों को चित्रित किया गया है, जिससे पता चलता है कि आतंकवादी मुस्लिम थे.

इस मामले में जस्टिस मंगेश पाटिल और ए एस चपलगांवकर की खंडपीठ ने 3 फरवरी को सरकारी वकील को मॉक ड्रिल आयोजित करने के दिशा-निर्देशों के बारे में अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया था.

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इस तरह के मॉक ड्रिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रह को दिखाते हैं और यह संदेश देते हैं कि आतंकवादी केवल एक विशेष धर्म के होते हैं. पीआईएल ने अहमदनगर, चंद्रपुर और औरंगाबाद में हुए तीन मॉक ड्रिल का हवाला दिया गया है, जिसमें पुलिसकर्मी जो ड्रिल में रोल प्ले कर रहे थे को बतौर मुस्लिम शख्स तैयार किया गया था. 

कोर्ट ने कहा, " याचिकाकर्ता, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता है, ने जनहित से जुड़े मुद्दे को उठाया है. वह पुलिस विभाग द्वारा मॉक ड्रिल के आयोजन पर आपत्ति जताता है, जिसमें वेश-भूषा और नारेबाजी को दर्शाया गया है, जैसे कि यह इंगित करने के लिए कि आतंकवादी एक मुसलमान है. ”

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 फरवरी तय करते हुए कहा, ''अगली तारीख तक किसी विशेष समुदाय के लोगों को आतंकवादी के तौर पर पेश करने वाला कोई मॉक ड्रिल नहीं किया जाएगा."

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(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)