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This Article is From Mar 02, 2023

त्रिपुरा में BJP-IPFT गठबंधन की सत्ता में वापसी, टिपरा मोथा को 13 सीट

टीएमसी ने 28 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे कहीं भी सफलता नहीं मिली. टीएमसी का वोट प्रतिशत (0.88 प्रतिशत) नोटा से भी कम रहा.

त्रिपुरा में BJP-IPFT गठबंधन की सत्ता में वापसी, टिपरा मोथा को 13 सीट
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
BJP ने 55 सीट पर चुनाव लड़ा और 32 पर जीत हासिल की
IPFT को इस विधानसभा चुनाव महज 1 सीट मिली
फॉरवर्ड ब्लॉक, सीपीआई और आरएसपी को एक भी सीट नहीं मिली
अगरतला:

त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है. पूर्ववर्ती राजघराने के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा द्वारा गठित टिपरा मोथा पार्टी को 13 सीट मिलीं, जबकि वाम-कांग्रेस गठबंधन ने 14 सीट हासिल कीं. देबबर्मा की पार्टी ने जनजातीय क्षेत्र में वाम दल के वोट में सेंध लगाई. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का बेहद खराब प्रदर्शन रहा. टीएमसी ने 28 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे कहीं भी सफलता नहीं मिली. टीएमसी का वोट प्रतिशत (0.88 प्रतिशत) नोटा से भी कम रहा.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इंडीजेनस पीपुल्‍स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा(आईपीएफटी) गठबंधन लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटा है, लेकिन दोनों दलों ने 2018 के चुनाव से कम सीट पर जीत हासिल की. मुख्य रूप से जनजातीय इलाकों में टिपरा मोठा के अच्छे प्रदर्शन से दोनों दलों की सीट की संख्या कम हुई. भाजपा ने 55 सीट पर चुनाव लड़ा और 32 पर जीत हासिल की. वर्ष 2018 की तुलना में भाजपा को तीन सीट कम मिली. पार्टी का वोट प्रतिशत 38.97 रहा. गुटबाजी से प्रभावित आईपीएफटी केवल एक सीट जीत सकी जबकि पिछले चुनाव में पार्टी को आठ सीट मिली थी. डाले गए कुल मतों में आईपीएफटी की हिस्सेदारी महज 1.26 प्रतिशत रही.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 25 साल तक त्रिपुरा पर शासन करने के बाद 2018 में सत्ता खो दी थी. पिछली बार पार्टी ने केवल 16 सीट पर जीत दर्ज की थी. इस बार पार्टी ने 47 सीट पर चुनाव लड़ा और 24.62 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी के साथ 11 सीट पर जीत हासिल की. अन्य वाम दल-फॉरवर्ड ब्लॉक, सीपीआई और आरएसपी-अपना खाता खोलने में विफल रहे. कांग्रेस ने 13 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे थे लेकिन पार्टी तीन सीट ही जीत पाई. कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी 8.56 प्रतिशत रही. निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, ‘‘भाजपा की जीत की उम्मीद थी...हम इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. निर्णायक जनादेश से हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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