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This Article is From May 03, 2023

इलेक्ट्रिक वाहन और ड्रोन की बैटरी के लिए BIS के नए स्टैंडर्ड तय किए गए

एनडीटीवी से बातचीत में ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स के डायरेक्टर जनरल प्रमोद तिवारी ने कहा, हल्की इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए तीन और मानक जल्द ही तय कर लिए जाएंगे

इलेक्ट्रिक वाहन और ड्रोन की बैटरी के लिए BIS के नए स्टैंडर्ड तय किए गए
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली बैटरी की क्वालिटी और सुरक्षा को बेहतर करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो, यानी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने 6 मानक (स्टैंडर्ड) तय किए हैं. हाल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल के दौरान हुए एक्सीडेंट के संदर्भ में यह बेहद अहम फैसला है. ई-रिक्शा जैसी हल्की इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए भी जल्दी ही स्टैंडर्ड पब्लिश कर दिए जाएंगे. साथ ही, कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले ड्रोनों की गुणवत्ता के लिए भी नए स्टैंडर्ड सार्वजनिक कर दिए गए हैं.

हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर हुए एक्सीडेंटों के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर आम लोगों में चिंता रही है. अब इन सवालों को दूर करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी की क्वालिटी और सुरक्षा मजबूत करने के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने 6 स्टैंडर्ड तय कर दिए हैं.

इनमें इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले लिथियम आयन ट्रैक्शन बैटरी पैक और सिस्टम (Lithium-ion traction Battery packs and systems) और इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है.

एनडीटीवी से बातचीत में ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स के डायरेक्टर जनरल प्रमोद तिवारी ने कहा, हल्की इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए 3 और स्टैंडर्ड जल्द ही तय कर लिए जाएंगे.

प्रमोद तिवारी ने कहा, "इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, इन दोनों क्षेत्रों में सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देना जरूरी है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने 6 स्टैंडर्ड तय कर दिए हैं. जबकि ई-रिक्शा और हल्की इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सेगमेंट के लिए 3 नए स्टैंडर्ड पर अभी काम चल रहा है. जैसे-जैसे इंडस्ट्री इन नए स्टैंडर्ड को लागू करना शुरू करेगी, जिस तरह की दुर्घटनाएं और सुरक्षा को लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सवाल उठे थे, उन पर हम ध्यान दे सकेंगे."

ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने कहा, कृषि क्षेत्र में मिट्टी की जांच, सिंचाई, फसल का मानचित्रण (crop mapping) और कीट प्रबंधन (pest management) में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन की क्वालिटी के स्टैंडर्ड भी तय कर दिए हैं. ड्रोनों को साइबर-अटैक से बचाने, उनके डाटा को सुरक्षित रखने के लिए स्टैंडर्ड तैयार किए जा रहे हैं.

फिलहाल सरकार इंडस्ट्री और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के बीच इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर के लिए बैटरी स्वैपिंग के क्वालिटी स्टैंडर्ड तय करने पर बातचीत चल रही है.

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैपिंग के क्वालिटी स्टांडर्ड तय करने में समय लगेगा. हम इंडस्ट्री को समय देंगे."

सरकार ने मई, 2014 के बाद 387 प्रोडक्टों के लिए अब तक देश में 101 क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर जारी किए हैं. कुल 643 प्रोडक्टों के लिए स्टैंडर्ड तय किए जा रहे हैं. वाणिज्य मंत्री ने कहा, इसके बेहतर नतीजे सामने आए हैं.

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