बिहार के मुज्जफरपुर में एक बेहद चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवक के पैर में फ्रैक्चर होने पर पीएचसी ने प्लास्टर की जगह गत्ता बांध दिया. जानकारी के मुताबिक युवक का मीनापुर में सड़क हादसा हुआ था और इसके बाद उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था लेकिन डॉक्टरों ने उसकी कोई सुध नहीं ली. वह पांच दिन से अस्पताल में है और उसके पैर पर गत्ता बंधा हुआ है. परिजनों ने उसे इलाज के लिए उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच में भर्ती कराया, जहां उन्हें उम्मीद थी कि युवक के प्लास्टर किया जाएगा लेकिन उसकी कोई सुध नहीं ली गई.
परिजन का आरोप है कि मीनापुर पीएचसी में इलाज के नाम पर केवल फॉर्मैलिटी को पूरा किया गया है. सड़क हादसे में मीनापुर बरांडा मझौलिया का नीतीश कुमार घायल हो गया था. इसमें उसके पैर की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी, लेकिन पीएचसी के चिकित्सक ने पैर में प्लास्टर करने के बजाय टूटे पैर को एक गत्ता बांध कर पट्टी लगा दी और एसकेएमसीएच भेज दिया था. मरीज पांच दिन से एसकेएमसीएच में भर्ती है, लेकिन कोई भी देखने नहीं आया.
एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा ने बताया कि जल्द ही मरीज का इलाज किया जाएगा. डॉक्टर को निर्देश दिया गया है. साथ ही इस मामले की जांच की जाएगी कि आखिर किन वजह से इलाज के लिए डॉक्टर नहीं गए. उन्होंने कहा कि एसकेएमसीएच की कोई लापरवाही नहीं है. पीएचसी में टूटे पैर में कार्टन लगा दिया गया था. वहीं घायल नीतीश ने बताया कि वह बाइक से घूम रहा था और तभी वह गिर गया जिससे उसका पैर टूट गया. परिजनों ने पहले उसे मीनापुर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया.
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