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Bihar Voter List: बिहार SIR पर चुनाव आयोग ने दिया हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के तहत हटाए गए 65 लाख से अधिक मतदाताओं की सूची को ऑनलाइन प्रकाशित कर दिया है.

Bihar Voter List: बिहार SIR पर चुनाव आयोग ने दिया हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई
पीड़ित व्यक्ति आधार कार्ड की एक प्रति के साथ दावा दायर कर सकते हैं...
  • बिहार एसआईआर पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है.
  • मतदाता सूची में नाम न होने के कारण मृत्यु, निवास स्थान परिवर्तन और डुप्लिकेट प्रविष्टियां बताई गई हैं.
  • SC के आदेश अनुसार पीड़ित व्यक्ति आधार कार्ड की प्रति के साथ अपने दावे को प्रस्तुत कर सकते हैं.
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नई दिल्‍ली:

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले में चुनाव आयोग ने अनुपालन हलफनामा दाखिल कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा है कि कोर्ट के 14 अगस्त के आदेश के अनुसार, लगभग 65 लाख छूटे हुए लोगों की बूथवार सूची वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है. बिहार के सभी 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर विवरण प्रकाशित कर दिया गया है. ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम शामिल न होने का कारण भी प्रकाशित कर दिये गए हैं. मृत्यु, सामान्य निवास स्थान परिवर्तन या डुप्लिकेट प्रविष्टियां कारण बताए गए हैं. अपलोड करने की जानकारी स्थानीय और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के समाचार पत्रों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रकाशित की गई हैं. सार्वजनिक नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि पीड़ित व्यक्ति अपने आधार कार्ड की एक प्रति के साथ अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में आज फिर सुनवाई होगी.

हटाए गए 65 लाख से अधिक मतदाताओं की लिस्‍ट प्रकाशित

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के तहत हटाए गए 65 लाख से अधिक मतदाताओं की सूची को ऑनलाइन प्रकाशित कर दिया है. बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कराए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिए, जिससे चुनाव आयोग सहमत हो गया. आम नागरिकों को और अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के सुझावों में अपनी सहमति व्यक्त की. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार, 20 जुलाई से सभी राजनीतिक दलों को बीएलओ द्वारा दी गई मृत, दो स्थानों पर रह रहे और स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की सूची के अलावा, लिस्ट में शामिल न किए गए मतदाताओं की सूची भी कारण सहित ड्राफ्ट रोल में डाली जानी चाहिए, जिसे जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर बूथवार ईपिक नंबर से खोजा जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल...

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि पीड़ित व्यक्ति आधार कार्ड की एक प्रति के साथ दावा दायर कर सकते हैं. यहां पीड़ित सिर्फ वे लोग हैं, जो ड्राफ्ट सूची (65 लाख) में नहीं हैं. सिर्फ वे लोग अपना दावा दायर कर सकते हैं, जो नियमों के अनुसार फॉर्म 6 में हैं. फॉर्म 6 में पहले से ही आधार शामिल है.

इससे पहले चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा था कि राज्य में किसी भी पात्र मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना, सुनवाई का अवसर और सक्षम अधिकारी के तर्कपूर्ण आदेश के बिना मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा. हर योग्य मतदाता का नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं और इस दिशा में सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.

आयोग ने कहा था कि एसआईआर का पहला चरण पूरा हो चुका है और 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है. यह चरण बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर मतदाताओं के नाम और आवश्यक फॉर्म जुटाने के बाद पूरा हुआ. कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने नामों की पुष्टि की या फॉर्म जमा किए. प्रारूप सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक निर्धारित की गई है, जिसके लिए ऑनलाइन और प्रिंट दोनों प्रारूप उपलब्ध कराए गए हैं.

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