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This Article is From Jan 31, 2023

क्या नीतीश कुमार की 'राह' पर चलेंगे उपेंद्र कुशवाहा? बिहार के सियासी घमासान पर पढ़ें ये रिपोर्ट

उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. लेकिन, उनका कहना है कि बतौर अध्यक्ष उनके पास कोई शक्तियां नहीं हैं. यह पद एक तरह का ‘झुनझुना’ है. इससे साफ जाहिर होता है कि नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच सबकुछ ठीक नहीं हैं.

क्या नीतीश कुमार की 'राह' पर चलेंगे उपेंद्र कुशवाहा?  बिहार के सियासी घमासान पर पढ़ें ये रिपोर्ट
जाहिर तौर पर कुशवाहा जेडीयू में अलग-थलग पड़ चुके हैं.
नई दिल्ली:

देश की राजनीति में बिहार (Bihar Politics) कई दिनों से लगातार सुर्खियों में है. इन सबके केंद्र में नीतीश कुमार ही हैं. बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी के कई नेता उनपर सवाल खड़े कर रहे हैं. इनमें सबसे पहला नाम उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) है. कुशवाहा पहले केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके थे. फिर मनमुटाव को लेकर बीजेपी से अलग हो गए. इसके बाद 2017 में अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (LSP) का विलय करने के बाद वह जेडीयू में लौटे थे. अब नीतीश कुमार से पार्टी में अपना 'हिस्सा' मांग रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश कुमार की 'राह' पर चलेंगे? नीतीश कुमार की तरह ही क्या कुशवाहा भी जेडीयू से अलग होकर दोबारा बीजेपी के पास जाएंगे?

उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. लेकिन, उनका कहना है कि बतौर अध्यक्ष उनके पास कोई शक्तियां नहीं हैं. यह पद एक तरह का ‘झुनझुना' है. इससे साफ जाहिर होता है कि नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच सबकुछ ठीक नहीं हैं. दोनों आपस में शायद बात नहीं करते हैं. इसलिए कुशवाहा मीडिया के जरिए अपनी बात रख रहे हैं. आइए जानते हैं कि बिहार की राजनीति में आखिर क्या चल रहा है?

उपेंद्र कुशवाहा कुछ दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ सवाल पूछ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल ये है कि बीजेपी को छोड़कर नीतीश कुमार फिर से लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के साथ गए, तो दोनों के बीच क्या डील हुई? दूसरी ओर इस सवाल का जवाब देने के बजाय नीतीश कुमार कुछ और ही बयान दे रहे हैं. असंतुष्ट उपेंद्र कुशवाहा को लेकर मीडिया के सवालों के जवाब में वो कहते हैं, 'जिसको जहां जाना है, जाए.. उसे कोई फर्क नहीं पड़ता. पार्टी में लोग आते हैं और जाते हैं.... ये सिलसिला तो चलता रहता है.'

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा की राहें जुदा हो सकती हैं. जेडीयू छोड़कर कुशवाहा कहां जाएंगे? इस सवाल का जवाब बीजेपी हो सकती है. जाहिर तौर पर विपक्ष में बैठी बीजेपी कुशवाहा को अपने पाले में करने की कोशिश करेगी.

बिहार में तीन राजनीतिक दल हैं. नीतीश कुमार की जेडीयू, लालू प्रसाद यादव की आरजेडी (जिसे अब तेजस्वी यादव लीड कर रहे हैं) और बीजेपी. राज्य में ज्यादातर देखा गया है कि इन तीन पार्टियों में से कोई दो पार्टी गठबंधन करके सरकार बना लेती है. जेडीयू-बीजेपी की सरकार, जेडीयू-आरजेडी की सरकार इसका उदाहरण है. 

अब बात करते हैं उपेंद्र कुशवाहा के पास मौजूदा विकल्प की... जाहिर तौर पर कुशवाहा जेडीयू में अलग-थलग पड़ चुके हैं. उनके पास पार्टी में अब कुछ करने के लिए नहीं है. ऐसे में उनके सामने विकल्प के तौर पर बीजेपी है. 2024 के इलेक्शन को लेकर बीजेपी बिहार में ऐसे नेता का साथ जरूर चाहेगी. हालांकि, बीजेपी ने अभी तक कुशवाहा को ऐसा कोई ऑफर नहीं दिया है. न ही कुशवाहा ने बीजेपी में दोबारा जाने का कोई संकेत दिया है.

बाकी बिहार में कुछ छोटी पार्टियां भी हैं, जो हमेशा सत्ताधारी पार्टी के साथ बनी रहना चाहती हैं. ऐसे में बीजेपी या उपेंद्र कुशवाहा के फैसले के बाद उन्हें अभी कोई फैसला लेना होगा.

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