सैन्य भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. युवाओं के हंगामे की वजह से सरकार ने मंगलवार को पेश की गई योजना में बदलाव किए. अग्निवीरों के लिए अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालयों की नियुक्तियों में 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही कई अन्य प्रोत्साहनों की घोषणा की. हालांकि, युवा पुरानी बहाली पद्धति लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर प्रदर्शन का दौर जारी है. खासकर बिहार में जमकर प्रदर्शन किया जा रहा है. बीते चार दिन युवाओं ने प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन किया. पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ के साथ ही कई जगह ट्रेनों में आग लगाई गई.
प्रशांत किशोर ने युवाओं से अपील की
इधर, स्कीम के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने युवाओं से अपील की है कि वो योजना का विरोध करें पर शांतिपूर्ण तरीके से. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, " अग्निपथ पर आंदोलन होना चाहिए, हिंसा और तोड़फोड़ नहीं. बिहार की जनता जेडीयू और बीजेपी के आपसी तनातनी का ख़ामियाज़ा भुगत रही है. बिहार जल रहा है और दोनों दल के नेता मामले को सुलझाने के बजाए एक दूसरे पर छींटाकशी और आरोप प्रत्यारोप में व्यस्थ हैं."
#Agnipath पर आंदोलन होना चाहिए, हिंसा और तोड़फोड़ नहीं।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) June 19, 2022
बिहार की जनता #JDU और #BJP के आपसी तनातनी का ख़ामियाज़ा भुगत रही है। बिहार जल रहा है और दोनों दल के नेता मामले को सुलझाने के बजाए एक दूसरे पर छींटाकशी और आरोप प्रत्यारोप में व्यस्थ हैं।
युवाओं ने बीजेपी नेताओं को किया टारगेट
बता दें कि बिहार में योजना से नाराज युवाओं ने बीजेपी नेताओं और पार्टी कार्यालयों को टारगेट किया है. बेतिया में उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर में तोड़फोड़ की गई है. कई जगह बीजेपी विधायकों को निशाना बनाया गया है. स्थिति को देखते हुए केंद्र ने बिहार बीजेपी के 10 नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई है. इधर, बीजेपी ने इन हमलों का जिम्मेवार इशारों में मुख्यमंत्री को ठहराया है. इसके बाद दोनों पार्टियों के बीच खींचतान शुरू हो गई है.
250 अराजक तत्वों की गिरफ्तारी
गौरतलब है कि बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया गया था. नई सैन्य भर्ती योजना के विरोध के चौथे दिन राज्य में एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन में आगजनी की गई, एक एंबुलेंस को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया जबकि पथराव में कई जगहों पर पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है. पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ‘बिहार बंद' के दौरान रेलवे, सरकारी सम्पत्ति को विनष्ट करने तथा तोड़-फोड़ के विरुद्ध पूरे राज्य में कुल 25 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं तथा 250 अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की गई है.
पुलिस के मुताबिक 16 जून से 18 जून तीन दिनों में कुल 138 प्राथमिकी दर्ज की गई है और 718 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है. सीसीटीवी फुटेज तथा वीडियोग्राफी के जरिये अराजक तत्वों व हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही है. पुलिस ने कहा कि जांच के क्रम में हिंसा करने वालों की पहचान होने पर उनके विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
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