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This Article is From Oct 04, 2023

"बिहार सरकार नए सिरे से जाति सर्वेक्षण का आदेश दे और पारदर्शिता सुनिश्चित करे" : चिराग पासवान 

चिराग पासवान ने यह भी आरोप लगाया, ‘‘यहां तक कि मेरी अपनी जाति पासवान की जनसंख्या भी हम जितना समझते हैं, उससे बहुत कम दिखाई गई है. यह आश्चर्य की बात है क्योंकि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में की गई है. राज्य के अधिकांश लोगों से सर्वेक्षणकर्ताओं ने कभी संपर्क नहीं किया.’’

"बिहार सरकार नए सिरे से जाति सर्वेक्षण का आदेश दे और पारदर्शिता सुनिश्चित करे" : चिराग पासवान 
चिराग पासवान ने कहा कि राज्य के अधिकांश लोगों से सर्वेक्षणकर्ताओं ने कभी संपर्क नहीं किया. (फाइल)
पटना :

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने मंगलवार को मांग की कि बिहार में नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) नए सिरे से जाति सर्वेक्षण कराए. जमुई से सांसद चिराग ने एक वीडियो जारी करके आरोप लगाया कि सर्वेक्षण में पारदर्शिता की कमी है और बिहार में सत्तारूढ़ सरकार की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आंकड़ों में हेराफेरी की गई है. 

चिराग ने कहा, ‘‘लोजपा (रामविलास) जाति सर्वेक्षण के निष्कर्षों को सिरे से खारिज करती है. एक जाति की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई है. दूसरी ओर कई अन्य जातियों को संख्यात्मक रूप से इनसे छोटा दिखाया गया है.

उन्होंने यह भी अरोप लगाया, ‘‘यहां तक कि मेरी अपनी जाति पासवान की जनसंख्या भी हम जितना समझते हैं, उससे बहुत कम दिखाई गई है. यह आश्चर्य की बात है क्योंकि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में की गई है. राज्य के अधिकांश लोगों से सर्वेक्षणकर्ताओं ने कभी संपर्क नहीं किया.''

बिहार में दुसाध समुदाय जिनके लिए चिराग के दिवंगत पिता रामविलास पासवान एक आदर्श के रूप में जाने जाते थे, कुल आबादी का 5.31 प्रतिशत हैं. प्रदेश में दुसाध जाति यादव समुदाय (14.27 प्रतिशत) जो बड़े पैमाने पर राज्य की सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल के समर्थक रहे हैं, के बाद दूसरा स्थान रखता है. 

चिराग ने कहा, ‘‘इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार नए सिरे से सर्वेक्षण का आदेश दे और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करे. तभी लोगों को कोई फायदा होगा.''

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सोमवार को अपने बहुप्रतीक्षित जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष जारी किए जिसमें पता चला कि ओबीसी और ईबीसी राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हिस्सा हैं. 

आंकड़ों के अनुसार ईबीसी (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग बनकर उभरा है जिसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.13 प्रतिशत है. 

सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि ओबीसी समूह के अंतर्गत आने वाले यादव समुदाय की आबादी सबसे अधिक 14.27 प्रतिशत है. 

दलित जिन्हें अनुसूचित जाति भी कहा जाता है, राज्य की कुल आबादी का 19.65 प्रतिशत हैं जिसमें अनुसूचित जनजाति की आबादी लगभग 22 लाख (1.68 प्रतिशत) है. 

‘‘अनारक्षित'' श्रेणी से संबंधित लोग जो 1990 के दशक की मंडल लहर तक राजनीति पर हावी रहने वाली उच्च जातियों को दर्शाता है, कुल आबादी का 15.52 प्रतिशत है. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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