केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने गुरुवार को NDTV से कहा कि, चिराग पासवान प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर एनडीए में आए हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. उन्होने कहा कि मैं चाहता हूं कि इस गठबंधन में वोट का बंटवारा न हो.
चिराग पासवान की एनडीए में एंट्री को लेकर सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि, हमारी लड़ाई चिराग पासवान से तब हुई थी जब 2020 में बिहार में विधानसभा का चुनाव हो रहा था. हम कह रहे थे कि हम एनडीए गठबंधन के पार्ट हैं. एनडीए गठबंधन से चुनाव जीतकर मैं भी आया आप भी आए. हम छह में से पांच सांसदों की राय थी कि हम एनडीए गठबंधन के तहत विधानसभा का चुनाव लड़ें. उस समय चिराग पासवान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, संसदीय बोर्ड के नेता थे. इस हैसियत से उन्होंने हमारी बात अनसुनी की. स्वयं डिसीजन लेकर चुनाव मैदान में गए. उन्होंने कहा कि मैं भाजपा का हनुमान हूं और दूसरी तरफ छह जगहों पर भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ अपने उम्मीदवारों को टिकट दिए. मेरे लोकसभा क्षेत्र में राघवपुर से उम्मीदवार दिया.
पारस ने कहा कि, चिराग पासवान के वापस आने से मुझे कोई दिक्कत नहीं है. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एनडीए सबसे बड़ी पार्टी है. मैं 2014 से एनडीए में हूं. मैंने घोषणा की है कि जब तक मैं राजनीति में रहूंगा, एनडीए गठबंधन के साथ रहूंगा. मैं चाहता हूं कि इस गठबंधन में वोट का बंटवारा न हो. प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर वे एनडीए में आए हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, भारत सरकार शुरू से ही मणिपुर की घटना पर बहुत चिंतित है. होम मिनिस्टर अमित शाह ने वहां जाकर कैंप किया. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वहां 22 दिन कैंप किया. मुझे पूरा विश्वास है कि वहां का समाधान हो जाएगा.
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