
- सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान के 2007 में दिए भड़काऊ भाषण मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया है.
- आजम खान की याचिका में आरोप था कि वीडियो क्लिप को छेड़छाड़ कर ऑडियो फाइल में बदला गया, जिससे साक्ष्य में हेरफेर हुई.
- कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता के पास क्लिपिंग की प्रमाणित प्रति है और मूल साक्ष्य वीडियो क्लिपिंग है.
समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान को 2007 में दिए भड़काऊ भाषण मामले में राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह फैसला याचिकाकर्ता के अदालती रिकॉर्ड में बदलाव के संबंध में उपाय खोजने में बाधा नहीं बनेगा.
आजम खान की दलील
याचिका में सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था. आजम खान की दलील थी कि कथित भड़काऊ भाषण की फाइल रिकॉर्ड में वीडियो क्लिप के रूप में प्रस्तुत की गई थी, लेकिन उसमें छेड़छाड़ करके उसे ऑडियो फाइल में बदल दिया गया.
कपिल सिब्बल ने क्या कहा
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एनके सिंह की पीठ के समक्ष कपिल सिब्बल ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने क्लिपिंग की प्रमाणित प्रति हासिल कर ली है. मूल साक्ष्य एक वीडियो क्लिपिंग है. यदि आपको इसे वीडियो से ऑडियो में बदलने की अनुमति है, तो उस ऑडियो पर विचार किया जाएगा और मुझे दोषी ठहराया जाएगा. अदालत के रिकॉर्ड बदल दिए गए हैं.
कोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस सुंदरेश ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि यह मामले को स्थानांतरित करने का आधार नहीं हो सकता. जस्टिस सुंदरेश ने ट्रांसफर याचिका खारिज करते हुए कहा कि आप जो भी करना चाहें, यह स्थानांतरण का आधार नहीं है.
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