"बिजली उपकेंद्र, जलशोधन संयंत्र..." : अयोध्या का भव्य राम मंदिर सभी आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस

ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया जा रहा है जिसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है. इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं.

अयोध्या(उप्र):

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर भव्य होने के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. मंदिर का अपना जल शोधन संयंत्र और बिजली उपकेंद्र होगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह जानकारी दी है. मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को प्रधानमंत्री के हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि पूरी की गई.

ट्रस्ट के अनुसार मंदिर परिसर में एक सीवेज संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली उपकेंद्र होगा. इसके अलावा 25 हजार लोगों की क्षमता वाले एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है जिसमें तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा और लॉकर की सुविधा होगी.

ट्रस्ट द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मंदिर का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है. इसका निर्माण पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए किया जा रहा है.ट्रस्ट के अनुसार 70 एकड़ क्षेत्र के 70 प्रतिशत हिस्से को हरा-भरा रखा गया है.

ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया जा रहा है जिसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है. इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं.

मुख्य गर्भगृह में भगवान राम के बाल स्वरूप (श्री राम लला की मूर्ति)विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई है और पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होगा.

ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से सिंह द्वार से होगा. परिसर के चारों कोनों पर सूर्य देव, देवी भगवती, भगवान गणेश और शिव को समर्पित चार मंदिर होंगे.

ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परतों से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है. सीलन से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है.

अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य द्वार पर हाथियों, शेरों, भगवान हनुमान और 'गरुड़' की अलंकृत मूर्तियां स्थापित की गई हैं. मंदिर ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. ये मूर्तियां राजस्थान के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से प्राप्त बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाई गई हैं.

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पूर्व में कहा था, “मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से और निकास दक्षिण दिशा से होगा. संपूर्ण मंदिर अधिरचना अंततः तीन मंजिला होगी.”

मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़ेंगे. मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राम मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य द्वार पर मूर्तियां स्थापित की गईं. इन मूर्तियों को मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियों के दोनों ओर लगाए गए स्तरीय फलकों पर स्थापित किया गया है.

ट्रस्ट द्वारा साझा की गई तस्वीरों के अनुसार, निचले फलक पर हाथी की एक-एक मूर्ति है, दूसरे स्तर पर शेर की एक मूर्ति है और सबसे ऊपर वाले फलक पर, भगवान हनुमान की मूर्ति एक तरफ है जबकि दूसरी तरफ ‘गरुड़' की मूर्ति है.

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